नई दिल्ली। देश में एनआरसी और सीएए पर जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार अगले साल एनपीआर लागू करने जा रही है। बता मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने एनपीआर को मंजूरी दे दी है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर के लिए 8,500 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन एनआरआईसी तैयार करने की दिशा में सरकार का यह दूसरा बड़ा कदम है। इसके द्वारा ‘अवैध प्रवासियों’ और ‘संदिग्ध नागरिकों’ की पहचान भी की जाएगी।
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‘संदिग्ध नागरिकता’ का प्रावधान सिटीजनशिप रूल्स, 2003 (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंडिटी कार्ड्स) में दिया गया है, जिसके तहत ही NPR तैयार किया जा रहा है।
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दरअसल एनआरआईसी, एनआरसी ही है, बस अंतर यह होगा कि इसमें असम को शामिल नहीं किया जाएगा, जहां पहले ही एनआरसी लागू हो चुका है। देशभर में NRIC लागू करने से पहले एनपीआर तैयार किया जाएगा, जिसके बाद में जांच और पुष्टि की जाएगी। इसमें न केवल ‘सामान्य निवासियों’ की सूची तैयार की जाएगी बल्कि ‘अवैध प्रवासियों’ और ‘संदिग्ध नागरिकों’ की पहचान भी की जाएगी।
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देशभर में अभी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 सीएए और एनआरसी का विरोध हो रहा है, क्योंकि इसमें बाहर से आए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं देने की बात कही गई है, लेकिन एनपीआर में ‘संदिग्ध नागरिकता’ की पहचान की बात कही गई है।
जनादेश