नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को बड़ी बेंच में भेज दिया है। अब मामले में सुनवाई 7 जजों की संवैधानिक पीठ फेसला सुनाएगी। कोर्ट ने कहा है कि पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश केवल इस मंदिर तक ही सीमित नहीं है। यह मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश में भी शामिल है। फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति है।
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#SabarimalaTemple review petitions in Supreme Court: Chief Justice of India says, “The entry of women into places of worship is not limited to this temple only. It is also involved in the entry of women into mosques.” pic.twitter.com/ETyxOodhHC
— ANI (@ANI) November 14, 2019
फैसला 3: 2 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी संविधान पीठ को समीक्षा याचिकाओं का उल्लेख किया है। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने असंतोषजनक निर्णय दिया। मामले में सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश इस मंदिर तक सीमित नहीं है, यह मस्जिदों और पारसी मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश में शामिल है।
Supreme Court, by a majority of 3:2, has referred the review petitions to a larger constitution bench. Justice Rohinton Fali Nariman and Justice DY Chandrachud gave dissent judgement. #Sabarimala https://t.co/xBcxf6bFeV
— ANI (@ANI) November 14, 2019
सबरीमाला मंदिर विवाद
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने 4-1 के बहुमत से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दिए जाने का फैसला सुनाया था।