न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते को स्थगित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई

न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते को स्थगित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई

न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते को स्थगित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई
Modified Date: January 6, 2023 / 04:09 pm IST
Published Date: January 6, 2023 4:09 pm IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के उस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी जिसमें सीमा विवाद के निपटारे के लिए असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए समझौते को स्थगित कर दिया गया था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिंह और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और असम तथा मेघालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की दलीलों पर गौर किया और मेघालय उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।

पीठ ने इन दलीलों पर ध्यान दिया कि समझौता ज्ञापन के तहत आने वाले कुछ क्षेत्रों को पुराने सीमा विवाद के कारण विकासात्मक योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और इसके अलावा समझौते की वजह से दोनों राज्यों के बीच सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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इसने उन चार लोगों को भी नोटिस जारी किया, जो मूल रूप से विभिन्न आधारों पर समझौता ज्ञापन के क्रियान्वयन के खिलाफ उच्च न्यायालय गए थे। इन लोगों ने एक आधार यह भी दिया था कि समझौते से संविधान के अनुच्छेद-3 का उल्लंघन हुआ है।

अनुच्छेद-3 संसद को नए राज्यों के गठन और मौजूदा राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन से संबंधित कानून बनाने का अधिकार देता है।

इससे पहले आज शीर्ष अदालत मेघालय उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इस पर सुनवाई करेंगे। कृपया याचिका की तीन प्रतियां सौंपें।’’

मेघालय उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने नौ दिसंबर को अंतरराज्यीय सीमा समझौते के बाद जमीन पर भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों के निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था।

बाद में, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में अपील की।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दोनों राज्यों के बीच अकसर तनाव उत्पन्न करने वाले 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह के सीमांकन के लिए पिछले साल 29 मार्च को एक समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे।

असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद करीब 50 साल पुराना है। हालांकि, हाल के दिनों में इसे हल करने के प्रयासों में तेजी लाई गई है। दोनों राज्यों की सीमा करीब 884.9 किमी लंबी है।

असम से अलग करके 1972 में मेघालय का गठन किया गया था, लेकिन नए राज्य ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी थी जिसके बाद 12 सीमावर्ती स्थानों को लेकर विवाद शुरू हुआ।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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