उच्चतम न्यायलय ने दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर अवमानना को लेकर फैसला सुरक्षित रखा |

उच्चतम न्यायलय ने दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर अवमानना को लेकर फैसला सुरक्षित रखा

उच्चतम न्यायलय ने दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर अवमानना को लेकर फैसला सुरक्षित रखा

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Modified Date: January 21, 2025 / 07:39 PM IST
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Published Date: January 21, 2025 7:39 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) एक सड़क को चौड़ा करने के लिए दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का आरोप लगाने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उसे उसके आदेशों का उल्लंघन करके की गई अवमानना ​​की गंभीरता को देखने की जरूरत है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने बिंदू कपूरिया द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कपूरिया ने आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के पिछले साल चार मार्च के डीडीए को अनुमति देने से इनकार करने वाले आदेश के बावजूद पेड़ काटे गए। उन्होंने कहा कि पेड़ काटने की बात अदालत से छिपाई गई।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस मामले में अवमानना ​​की गंभीरता को देखने की जरूरत है। क्या पेड़ों को अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए अस्पताल तक सड़क को चौड़ा करने के लिए काटा गया था, जो जंगलों या लेह जैसे दूरदराज के इलाकों में सेवा करते हैं जहां कि न्यूनतम चिकित्सा सुविधाएं हैं। या फिर क्षेत्र के संपन्न व्यक्तियों के लाभ के लिए सड़क को चौड़ा करने के लिए पेड़ों को काटा गया था।’’

इसने कहा कि अदालत को पूरे मामले पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है और इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत की विभिन्न पीठों द्वारा दिए गए पिछले आदेशों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दायर किया है और उन्हें क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर अदालत के प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हुआ हो, अधिकारी अवमानना ​​से बचने के लिए अनिवार्य 5,340 पौधों के बजाय लगभग 70,000 पौधे लगाएंगे।

पीठ ने कहा कि वह इस पर विचार करेगी कि इस मुद्दे पर क्या करने की जरूरत है।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि सड़क साढ़े सात फुट चौड़ी थी, लेकिन इसे 15 फुट तक चौड़ा किया जाना चाहिए ताकि सैनिकों को ले जाने वाले वाहनों को अस्पताल पहुंचने में परेशानी से मुक्ति मिल सके।

कपूरिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि अवमानना ​​उतनी सरल नहीं है, जितनी बताई जा रही है और अदालत के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया। उन्होंने कहा कि जब डीडीए ने अदालत की अनुमति मांगी तो पहले ही काटे जा चुके पेड़ों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दबाई गई।

उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के लिए पहले से ही तीन सड़कें हैं लेकिन अधिकारी अस्पताल के पास रहने वाले अमीर लोगों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।

रिज क्षेत्र दिल्ली में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार है जो एक चट्टानी, पहाड़ी और जंगली क्षेत्र है।

प्रशासनिक कारणों से इसे चार क्षेत्रों – दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर में विभाजित किया गया है। ये चार क्षेत्र कुल मिलाकर लगभग 7,784 हेक्टेयर में विस्तृत हैं।

शंकरनारायणन ने भारतीय वन सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट का हवाला दिया था जिसमें कहा गया था कि कुल 1,670 पेड़ काटे गए थे, लेकिन डीडीए ने दावा किया कि केवल 642 पेड़ काटे गए।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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