Supreme Court reprimanded the central government on bulldozer action

Supreme Court on Bulldozer Action : बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, कहा- दोषी हो तो भी नहीं टूटेगी बिल्डिंग

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, Supreme Court reprimanded the central government on bulldozer action

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Modified Date: September 2, 2024 / 02:06 PM IST
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Published Date: September 2, 2024 2:03 pm IST

नई दिल्लीः Supreme Court on Bulldozer Action देश भर हो रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी साबित हो जाए, तो भी इमारत नहीं ढहाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई किसी का भी घर सिर्फ इसलिए तबाह कर सकता है।

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Supreme Court on Bulldozer Action जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बात को स्वीकार किया और कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से।

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याचिका में आरोप-पीड़ितों को बचने का मौका नहीं दिया

जमीयत के वकील फारूक रशीद का कहना है कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने और उन्हें डराने के लिए राज्य सरकारें घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा दे रही हैं। याचिका में यह भी आरोप है कि सरकारों ने पीड़ितों को अपना बचाव करने का मौका ही नहीं दिया। बल्कि कानूनी प्रक्रिया का इंतजार किए बिना पीड़ितों को तुरंत सजा के तौर पर घरों पर बुलडोजर चला दिया।

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नोटिस देकर ही अवैध निर्माण ढहाया जा सकता

शीर्ष अदालत में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में दिशानिर्देश बनाएंगे। इसका सभी राज्य पालन करें। देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई अब 17 सितंबर को करेगा।