(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में ध्वस्त की जा चुकी दरगाह पर एक से तीन फरवरी तक ‘उर्स’ आयोजित करने की अनुमति देने संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया कि सरकारी जमीन पर मंदिरों समेत सभी अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।
मेहता ने कहा कि उक्त भूमि पर हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों समेत किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा रही, जिसपर पहले अतिक्रमण था।
आवेदक की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि वहां एक दरगाह थी, जिसे प्राधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि दरगाह पर ‘उर्स’ उत्सव मनाने की परंपरा पिछले कई वर्षों से जारी है और अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा कि मुख्य मामले को सुने बिना आवेदन में किये गए अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
शीर्ष अदालत ने 27 जनवरी को कहा था कि वह गिर सोमनाथ जिले में बिना पूर्व अनुमति के आवासीय और धार्मिक संरचनाओं को कथित रूप से ध्वस्त करने के लिए गुजरात के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका समेत विभिन्न याचिकाओं पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
भाषा जोहेब प्रशांत
प्रशांत
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)