उच्चतम न्यायालय ने 2018 के हत्याकांड में केरल उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार किया

उच्चतम न्यायालय ने 2018 के हत्याकांड में केरल उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार किया

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 06:47 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 06:47 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें 2018 के हत्या के एक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश को रद्द कर दिया गया था।

यह मामला एक ऐसे व्यक्ति से संबंधित है, जिसकी कथित तौर पर दो राजनीतिक दलों – माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के कारण हत्या कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ 27 वर्षीय पीड़ित शुहैब के माता-पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो फरवरी 2018 में कन्नूर जिले में मृत मिला था।

शुहैब के माता-पिता ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग करते हुए सबसे पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया था कि शुहैब पर हमला स्थानीय माकपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच ‘झड़प का परिणाम’ था।

उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने मार्च 2018 में मामले की जांच कन्नूर जिले के पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित कर दी थी। बाद में, केरल सरकार ने एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।

अगस्त 2019 में, खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले को खारिज कर दिया था। उसके बाद पीड़ित के माता-पिता ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

मंगलवार को यह याचिका सर्वोच्च अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आई। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि घटना 2018 में हुई थी और उसकी जांच पूरी हो चुकी है तथा आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है।

पीठ ने कहा, ‘इस चरण में कोई भी हस्तक्षेप मामले में हानिकारक होगा।’ पीठ ने यह भी कहा कि मामले में कुछ राजनीतिक पदाधिकारी भी आरोपी हैं।

भाषा अविनाश वैभव

वैभव