शिमला: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम मामले में सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश के 15 हजार अस्थाई शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने शिक्षकों से जुड़ी सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है। साथ ही 9 दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा दिए फैसले को बरकरार रखा है। बताया गया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की है।
बता दें कि इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को ही सुनवाई पूरी कर ली थी। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और राज्य सरकार से सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा मांगा था। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी याचिकाओं को रद्द करने का आदेश दिया है।
Read More: बड़ी राहत: एक और मरीज ने कोरोना से जीती जंग, स्वस्थ होने के बाद मिली अस्पताल से छुट्टी
बता दें कि मामले में इससे पहले 9 दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट ने अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित कर दिया था। वहीं, सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षक अनुबंध पर लाए गए थे। 22 जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर यथा स्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद अनुबंध पर लाए गए शिक्षक नियमित नहीं हो पा रहे थे। बता दें कि हिमाचल में पीटीए अनुबंध पर 5100, पीटीए (जीआईए) 1400, 3400 पैट शिक्षक, 2200 पैरा, 2600 ग्रामीण विद्या उपासक हैं। पीटीए शिक्षक लंबे समय से अपने हक की लड़ाई को लड़ रहे थे।