उच्चतम न्यायालय ने यूएपीए मामले में अबू बकर की रिहाई याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया

उच्चतम न्यायालय ने यूएपीए मामले में अबू बकर की रिहाई याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया

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  • Publish Date - September 20, 2024 / 09:14 PM IST,
    Updated On - September 20, 2024 / 09:14 PM IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने प्रतिबंधित ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के पूर्व प्रमुख ई अबू बकर की याचिका पर शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जवाब मांगा।

याचिका में अबू बकर ने आतंकवाद निरोधक कानून यूएपीए के तहत अपने खिलाफ दर्ज मामले में रिहा किये जाने का अनुरोध किया है।

एनआईए ने अबू बकर को 2022 में संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में है। निचली अदालत द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अबू बकर की याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वह केवल चिकित्सा आधार पर जमानत के सवाल पर विचार करेगी।

उच्च न्यायालय ने 28 मई को अबू बकर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

केंद्रीय आतंकवाद रोधी एजेंसी के अनुसार, पीएफआई, इसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के वास्ते धन जुटाने के लिए आपराधिक साजिश रची और अपने कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे।

सितंबर 2022 में संगठन पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने से पहले बड़े पैमाने पर छापेमारी के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया था।

सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को कड़े आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पीएफआई और इसके कई सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था तथा उन पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों से संबंध रखने का आरोप लगाया था।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश