नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय केरल के गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर के प्रशासन के पक्ष में आए उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया। मंदिर प्रशासन ने एकादशी पर की जाने वाली ‘‘उदयस्थामन पूजा’’ के प्राचीन अनुष्ठान को बंद करने का निर्णय किया था।
न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने 7 दिसंबर के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवयूर देवस्वम प्रबंधन समिति, केरल सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि मंदिर प्रशासन की वेबसाइट पर प्रदर्शित दैनिक पूजा-अर्चना के कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘हम अब हस्तक्षेप नहीं कर सकते। हम दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करेंगे। प्रथम दृष्टया हम संतुष्ट हैं।’’
उदयस्थामन पूजा का तात्पर्य सूर्योदय (उदय) से सूर्यास्त (अस्थामन) तक पूरे दिन मंदिर में की जाने वाली विभिन्न पूजा-अर्चनाओं से है।
मंदिर प्रशासन ने हाल में भीड़ प्रबंधन में कठिनाइयों और दर्शन का समय बढ़ाने की श्रद्धालुओं की इच्छा का हवाला देते हुए एकादशी पर अनुष्ठान नहीं करने का निर्णय लिया था।
शीर्ष अदालत मंदिर में पुजारी का अधिकार रखने वाले सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कहा गया है कि ‘एकादशी’ मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। याचिका में कहा गया कि स्वीकृत तथ्य यह है कि उदयस्थामन अनुष्ठान 1972 से एकादशी के दिन किया जाता रहा है, जबकि वास्तव में यह उससे भी पहले से होता आ रहा है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अनुष्ठानों को आदि शंकराचार्य द्वारा सुव्यवस्थित किया गया था और यह माना जाता है कि इसे बंद करना ठीक नहीं होगा।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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