अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाला वाद दायर, अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी किये

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाला वाद दायर, अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी किये

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  • Publish Date - November 27, 2024 / 08:17 PM IST,
    Updated On - November 27, 2024 / 08:17 PM IST

जयपुर, 27 नवंबर (भाषा) राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए एक वाद स्थानीय अदालत में दायर किया गया है। अदालत ने बुधवार को वाद को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए तीन पक्षकारों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वादी के वकील ने मीडिया को यह जानकारी दी।

वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता योगेश सिरोजा ने अजमेर में संवाददाताओं को बताया कि वाद पर दीवानी मामलों के न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई।

सिरोजा ने कहा, ‘‘दरगाह में एक शिव मंदिर होना बताया जा रहा है। उसमें पहले पूजा पाठ होता था… पूजा पाठ दोबारा शुरू करवाने के लिये वाद सितंबर 2024 में दायर किया गया। अदालत ने वाद स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किए हैं।’’

उन्होंने बताया कि इस संबंध में अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कार्यालय-नयी दिल्ली को समन जारी हुए हैं।

वादी विष्णु गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारी मांग थी कि अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित किया जाये और दरगाह का किसी प्रकार का पंजीकरण है तो उसको रद्द किया जाए। उसका सर्वेक्षण एएसआई के माध्यम से किया जाए और वहां पर हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार दिया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने माननीय अदालत को अपने वाद के आधार के बारे में बताया और लंबी बहस के बाद अदालत ने शाम को नोटिस जारी किया।’’

गुप्ता ने कहा, ‘‘अदालत में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी और तब प्रतिवादी अपना जवाब दाखिल करेंगे। उसमें जो भी उनकी आपत्तियां रहेंगी उसका हम जवाब देंगे।’’

भाषा कुंज पृथ्‍वी धीरज शफीक

शफीक