Suicide under exam pressure: परीक्षा के सीजन में अच्छे नंबर लाने का दबाव छात्र-छात्राओं की जान ले रहा हैं। ताजा मामला राजस्थान के दौसा का हैं। यहाँ एक 15 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र से मौत से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा हैं। पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि आई एम सॉरी पापा-मम्मी…मेरे से नहीं हो पाएगा। मैं नहीं बना पाती 95+%। मैं परेशान हो गई हूं इस दसवीं कक्षा। मेरे से अब और नहीं सहा जाता। आई लव यू पापा-मम्मी एंड ऋषभ। आई एम सॉरी। खुशबू।
पुलिस के अनुसार, 16 दिन बाद खुशबू (15) का 10वीं बोर्ड का पहला एग्जाम होना था। इस समय वो घर पर ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। घटना के दौरान मृतिका की माँ छोटे भाई की स्कूल फीस जमा कराने गई थी। जब वो घर लौटी, तब घटना का पता चला।
Suicide under exam pressure: इस घटना से खुशबू के टीचर्स भी शॉक्ड हैं। उनके मुताबिक, वो पढ़ने में अच्छी थी। उन्हें कभी ऐसा लगा ही नहीं कि वो एग्जाम को लेकर तनाव में हो। खुशबू के पापा बसराम मीणा जालोर जिले के एक स्कूल में सरकारी टीचर हैं। घटना के समय वे जालोर में ही थे। खबर मिलते ही वो भागे-भागे घर पहुंचे।
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खुशबू के स्कूल के प्रिंसिपल विश्राम गुर्जर ने घटना पर दु:ख जताते हुए कहा कि वो पढ़ने में होशियार थी, बस कॉन्फिडेंस की कमी थी। खुशबू के मन में यह डर बैठ गया था कि उसके 95 प्रतिशत से अधिक नंबर आएंगे ही नहीं। प्रिंसिपल विश्राम गुर्जर ने कहा कि 16 फरवरी को सभी बच्चों को स्कूल से रिलीव कर दिया था, ताकि वे घर पर रहकर एग्जाम की अच्छे से तैयारी कर सकें।
Suicide under exam pressure: मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी नाथू लाल मीणा के अनुसार, सुसाइड नोट देखकर पहली नजर में यही लग रहा है कि बच्ची पर एग्जाम का प्रेशर था। हालांकि मामले की जांच की जा रही है।