काम से छुट्टी न लेने की ऐसी भी मजबूरी, 30 हजार महिलाओं ने निकलवाया गर्भाशय जो करती थी मजदूरी

काम से छुट्टी न लेने की ऐसी भी मजबूरी, 30 हजार महिलाओं ने निकलवाया गर्भाशय जो करती थी मजदूरी

  •  
  • Publish Date - December 25, 2019 / 12:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

मुंबई। मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़ी संख्या में गन्ना श्रमिक हैं जिनमें खासी संख्या महिलाओं की है, माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े।

ये भी पढ़ें: राजपथ पर बिखरेंगे छत्तीसगढ़ी संस्कृति के रंग, पारंपरिक शिल्प और आभूषण पर आधारित झांकी को हरी झंडी

इस संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह मजदूरी बचाने के लिए गन्ना श्रमिक महिलाओं द्वारा अपना गर्भाशय निकलवाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करें।

ये भी पढ़ें: सीएम बघेल 26 को बारुका जाएंगे, ऐसे रहेगा दौरे का तय…

मंत्री राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है, राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है, इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।

ये भी पढ़ें: राम जन्म भूमि पर आतं​की हमले की साजिश रच रहा जैश ए मोहम्मद, अयोध्या सहित कई शहरों में अलर्ट

उन्होने पत्र में सीएम ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें। नितिन राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं।