पनडुब्बी करार : रक्षा मंत्रालय ने एलएंडटी-नवांतिया की बोली को ‘अनुपालन योग्य नहीं’ पाया

पनडुब्बी करार : रक्षा मंत्रालय ने एलएंडटी-नवांतिया की बोली को ‘अनुपालन योग्य नहीं’ पाया

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 10:40 AM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 10:40 AM IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) भारतीय नौसेना को छह स्टील्थ पनडुब्बियों की आपूर्ति के लिए पांच अरब यूरो के सौदे के वास्ते लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड और स्पेन की रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी नवांतिया की बोली वस्तुत: समाप्त हो गई है, क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने पाया कि वे निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं। मामले से वाकिफ लोगों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पनडुब्बी के क्षेत्रीय परीक्षणों के बाद एलएंडटी-नवांतिया जोड़ी के दौड़ से बाहर हो जाने के बाद, जर्मन रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (टीकेएमएस) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के बीच संयुक्त उद्यम इस सौदे को हासिल करने की बेहतर स्थिति में है।

उन्होंने बताया कि पनडुब्बियों पर परीक्षणों के परिणामों की जांच करने के लिए गठित तकनीकी निरीक्षण समिति ने पाया कि एलएंडटी और नवांतिया की बोली, प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) में निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं थी।

मूल्यांकन परीक्षणों के परिणाम पर हालांकि कोई आधिकारिक टिप्पणी या विवरण नहीं मिली है।

रक्षा मंत्रालय अगले कुछ महीनों में ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ (पी75-आई) के विजेता की घोषणा करने की प्रक्रिया में है। इस प्रोजेक्ट के तहत छह पनडुब्बियां बनाई जानी हैं।

भाषा

प्रशांत मनीषा

मनीषा