भुवनेश्वरः Subhadra Yojana Latest Update केंद्र के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों की सरकारें महिलाएं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। छत्तीसगढ़ में जहां महतारी वंदन योजना चल रही है, तो वहीं मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना के जरिए महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है। वहीं ओडिशा की नई भाजपा सरकार भी महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के जरिए महिलाओं को साल में दो किस्तों में 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस योजना की पहली किस्त आज जारी की जाएगी। पीएम मोदी अपने जन्मदिन के खास मौके पर इस योजना की राशि जारी करेंगे।
Subhadra Yojana Latest Update दरअसल, ओडिशा की मोहन माझी की सरकार ने भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन सुभद्रा के नाम पर इस योजना की शुरुआत की है। 2028-29 तक यानी पांच वर्षों में इस योजना के जरिए राज्य की करीब एक करोड़ से अधिक महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों के लिए इस योजना के लिए 55,825 करोड़ रुपये का बजट रखा है। चालू (2024-25) वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है।
पैसा सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा। सरकार ने इस योजना के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाले कुल 100 लाभार्थियों को 500 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
सुभद्रा योजना (Subhadra Yojana) का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस स्कीम में सरकारी नौकरी और आयकर देने वाली महिलाएं शामिल नहीं की जाएंगी। वहीं, अगर किसी महिला को किसी दूसरी सरकारी स्कीम्स से हर साल 15,000 रुपये या उससे ज्यादा का लाभ मिलता है तब वह इस स्कीम में शामिल नहीं होगी।
सुभद्रा योजना लाने के लिए विधानसभा और संसद के चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था। इस योजना ने ओडिशा में 24 साल के बीजद शासन को समाप्त कर दिया और राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भाजपा को जीत दिलाई। महिलाएं, खासकर मिशन शक्ति के तहत संगठित लगभग 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG) की 70 लाख सदस्य, 24 वर्षों तक बीजद की चुनावी सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारक थीं। मिशन शक्ति को 2001 में महिलाओं को ऋण और बाजार संपर्क प्रदान करके सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था, और इसने वर्षों से बीजद के लिए महिलाओं का एक प्रतिबद्ध वोट बैंक बनाने में कामयाबी हासिल की है।