(श्रुति भारद्वाज)
नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) प्रदूषण बढ़ने के कारण दिल्ली के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की ओर रुख किए जाने से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई अभिभावकों ने चिंता जताते हुए कहा कि कई बच्चे अपने घरों में स्मार्टफोन, स्थिर इंटरनेट कनेक्शन या कई उपकरणों की कमी के कारण नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ हैं।
दिल्ली के आजादपुर इलाके के पास लालबाग झुग्गी बस्ती में रहने वाले परिवार सीमित संसाधनों के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिससे बच्चों को फोन साझा करने, कक्षाएं छोड़ने या पूरी तरह से ऑनलाइन स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लालबाग में रहने वालीं दो बच्चों की मां सोनी कुमारी (39) ने मोबाइल फोन की सीमित उपलब्धता के कारण बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के प्रबंधन में अपने संघर्षों को साझा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास केवल एक मोबाइल फोन है, जिससे मेरी दो बेटियों के लिए अपनी ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेना मुश्किल हो जाता है। जब उनकी कक्षाएं एक ही समय पर होती हैं, तो वे इस बात पर झगड़ते हैं कि फोन का इस्तेमाल कौन करेगा।’’
कुमारी ने कहा, ‘‘अगर स्कूल फिर से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करते हैं, तो वे दोनों ठीक से पढ़ाई कर पाएंगी।
नौ वर्षीय कृष ने कहा, ‘‘मैं ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नहीं ले सकता क्योंकि मेरी मां अपना फोन काम पर ले जाती है। मेरे लिए, ऑनलाइन स्कूल एक छुट्टी की तरह है क्योंकि मैं पूरा दिन अपने दोस्तों के साथ खेलने में बिताता हूं।’’
वह इस बात का इंतजार करता रहा है कि कब उसके दोस्त खेलने के लिए घर से बाहर आयें।
लालबाग झुग्गी बस्ती में टहलने पर बच्चों के समूह बाहर खेलते हुए दिखाई दिए। कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, तो कुछ बैडमिंटन खेल रहे थे।
अपनी छोटी बहन के साथ खेल रही 11 वर्षीय अनु ने बताया कि उसके माता-पिता के पास दो फोन हैं, लेकिन एक ‘बेसिक’ फोन है, इसलिए एक दिन उसकी बड़ी बहन और एक दिन वह ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेती हैं।
सुनीता (35)ने बताया कि उनके पास सिर्फ़ एक फीचर फोन है। अपनी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार 15 दिनों तक स्कूलों को ऑनलाइन रखती है, तो इसका मतलब है कि मेरा बच्चा 15 दिनों तक पढ़ाई से वंचित रहेगा।’’
लालबाग में अपने ग्राहकों को सेवा देने में व्यस्त एक चाय विक्रेता ने बताया कि इलाके में इंटरनेट के खराब कनेक्शन के कारण उनके बच्चे की ऑनलाइन कक्षाएं बाधित हो रही हैं।
रविवार को, दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई, जिसके कारण अधिकारियों को चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के उपाय लागू करने पड़े। सोमवार और मंगलवार को यह और भी खराब हो गई, और 450 से अधिक एक्यूआई के साथ यह ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में पहुंच गई।
भाषा आशीष राजकुमार
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