रांची, 14 दिसंबर (भाषा) झारखंड राज्य छात्र संघ (जेएसएसयू) ने घोषणा की कि वह सोमवार को एसएससी कार्यालय का घेराव करेगा और कदाचार के आरोपों के चलते सितंबर में आयोजित भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग करेगा।
जेएसएसयू के नेता देवेंद्र महतो ने यह घोषणा तब की जब झारखंड के कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने शनिवार को कहा कि उसने 16 से 22 दिसंबर के बीच दस्तावेज सत्यापन के लिए 2,231 चयनित अभ्यर्थियों को बुलाया है।
संबंधित अभ्यर्थी झारखंड सामान्य स्नातक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) में उत्तीर्ण हुए हैं, जिसमें 3.04 लाख छात्र शामिल हुए थे।
महतो ने कहा कि रविवार को सभी 24 जिलों से हजारों अभ्यर्थी रांची में एकत्र होंगे और सोमवार को एसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि आयोग सत्यापन कार्य को तत्काल रद्द करे।’’
जिला प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में शनिवार सुबह 5:30 बजे से 20 दिसंबर रात 8 बजे तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
छात्र जेजीजीएलसीसी परीक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके माध्यम से ज्यादातर कनिष्ठ स्तर के सरकारी पदों पर भर्ती की जानी है। उनका आरोप है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 30 सितंबर को एसएससी कार्यालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन हुआ था।
एसएससी ने छात्रों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कदाचार के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।
आरोपों को खारिज करते हुए एसएससी सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि परीक्षा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों ने मुख्य रूप से पांच आरोप लगाए और उन्होंने अपने दावों के समर्थन में एक सीडी तथा एक पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराया। लेकिन, सीडी खाली पाई गई। आयोग ने बार-बार मूल वीडियो जमा करने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन यह उपलब्ध नहीं कराया गया।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए कुल 2,231 अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें से 2,145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं।’’
इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाई ने परीक्षा में कथित गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग की है।
भाषा
शुभम नेत्रपाल
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