छात्रा ने हकलाने के कारण मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला से इनकार को न्यायालय में चुनौती दी

छात्रा ने हकलाने के कारण मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला से इनकार को न्यायालय में चुनौती दी

छात्रा ने हकलाने के कारण मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला से इनकार को न्यायालय में चुनौती दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: October 3, 2022 3:57 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक लड़की द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है। हकलाने के कारण लड़की को मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला देने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने भारत सरकार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और अन्य को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

सर्वोच्च अदालत लड़की की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 संबंधी भारतीय चिकित्सा परिषद के संशोधित नियमों को चुनौती दी है।

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नोटिस जारी करते हुए पीठ ने कहा कि नियमों के परिणामस्वरूप, याचिकाकर्ता को इस आधार पर पाठ्यकम में दाखिला नहीं दिया गया क्योंकि स्पष्ट बोलने में बाधा (हकलाना) 40 प्रतिशत से अधिक है हालांकि याचिकाकर्ता दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार कानून 2016 के तहत मानक दिव्यांगता से पीड़ित है।

याचिका में स्नातक संशोधित चिकित्सा शिक्षा संबंधी विनियम, 1997 को चुनौती दी गई है जिसकी वजह से याचिकाकर्ता को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा


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