मादक पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों को मजबूत करें: परनाइक

मादक पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों को मजबूत करें: परनाइक

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  • Publish Date - December 20, 2024 / 07:37 PM IST,
    Updated On - December 20, 2024 / 07:37 PM IST

ईटानगर, 20 दिसंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के टी परनाइक ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों से राज्य में मादक पदार्थ के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों को मजबूत करने का आह्वान किया।

‘दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर’ में पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और ‘कमांडेंट’ के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थों की लत के मुद्दे पर ऐसी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, जो सख्त और सहानुभूतिपूर्ण दोनों हो।

पूर्वोत्तर राज्य में मादक पदार्थों की समस्या के बारे में अपनी चिंता साझा करते हुए परनाइक ने कहा, ‘मादक पदार्थों का खतरा हमारे समुदायों के खिलाफ छेड़ा जा रहा एक मौन युद्ध है, जो हमारे युवाओं, हमारे परिवारों और राज्य के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। इसके लिए सख्त और सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।’

उन्होंने अनुशासन, कानून व्यवस्था, ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ और मादक पदार्थों के खतरे से निपटने पर जोर दिया, साथ ही नए आपराधिक कानूनों और पुलिस कर्मियों के कल्याण पर भी बात की।

राज्यपाल ने कहा कि जिला पुलिस प्रमुख और कमांडेंट राज्य की सुरक्षा और संरक्षा के संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि उनके (जिला पुलिस प्रमुख और कमांडेंट) निर्णय, कार्य और नेतृत्व कानून लागू करने की धारणा और समुदायों के भीतर न्याय की भावना को आकार देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक नागरिक, महिला और बच्चे को यह महसूस होना चाहिए कि वे राज्य पुलिस के संरक्षण में रहते हैं, जो नैतिक, अनुशासित और उनकी भलाई के लिए समर्पित है।’

उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ का सार कानून लागू करने के लिए दूरदर्शी, प्रौद्योगिकी-संचालित और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को पारंपरिक पुलिसिंग तरीकों से हटकर प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए।

भाषा

योगेश दिलीप

दिलीप