नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को गुजरात में एक रेलवे लाइन परियोजना के लिए करीब 5,000 झुग्गियों को गिराने पर यथास्थिति के आदेश को 10 नवंबर तक बढ़ा दिया। शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि इस बारे में बातचीत जारी है कि क्या पुनर्वास किया जा सकता है या नहीं।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि हरियाणा के फरीदाबाद में रेलवे पटरियों के पास झुग्गियों को गिराने से संबंधित एक अलग मामले में यथास्थिति का आदेश 10 नवंबर तक जारी रहेगा। यह आदेश उन लोगों की झुग्गियों के संबंध में दिया गया था, जिन्होंने अदालत से झुग्गियों को हटाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने सूचित किया कि गुजरात के मामले में इस बारे में विचार-विमर्श चल रहा है कि क्या पुनर्वास किया जा सकता है या नहीं।
पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार शामिल हैं। एएसजी ने पीठ से कहा, ‘‘कृपया हमें कुछ वक्त दीजिए। हम बातचीत के स्तर पर है।’’
शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें पुनर्वास समेत कुछ मुद्दों को उठाया गया था।
भाषा वैभव पवनेश
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