श्रीनगर, 15 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में एक कार के खड़े ट्रक से टकरा जाने से दो किशोरों की मौत हो गई जबकि दो अन्य बच्चे घायल हो गए। कार को एक किशोर चला रहा था, इसलिए इस घटना के बाद राजनीतिक दलों सहित विभिन्न हलकों से कश्मीर में नाबालिगों के वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग उठने लगी है।
दुर्घटना के वक्त कार में चालक समेत कुल चार किशोर छात्र सवार थे।
श्रीनगर-बारामूला राजमार्ग पर तेंगपोरा में बृहस्पतिवार को उस दौरान यह हादसा हुआ जब कार (एसयूवी) पहले से खड़े एक ट्रक से टकराने के बाद डिवाइडर से टकरा गई।
सोशल मीडिया मंचों पर इस घटना का सीसीटीवी फुटेज तेजी से प्रसारित किया जा रहा है। इस दुर्घटना में 17 वर्षीय लड़के हमाद और असीम सोफी की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए, इनमें से एक की हालत गंभीर है।
नेताओं सहित अनेक लोगों ने दोनों लड़कों की मौत पर दुख जताया। वहीं, नागरिक संस्थाओं ने फिर से नाबालिगों के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यातायात के प्रति लोगों की समझ में अब भी कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल दहला देने वाली तस्वीरें। ऐसी दुर्घटना में पहले भी कई बच्चों की जान जा चुकी है और उनके परिवारों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है। इस दुखद दुर्घटना में मारे गए किशोरों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम कार का अधिक प्रयोग कर रहे हैं, हमारी सड़कें बेहतर हो रही हैं, लेकिन यातायात के प्रति लोगों की समझ में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। वाहन की तेज गति भले ही रोमांचक लगती हो, लेकिन यह जान ले लेती है। यातायात नियम किसी कारण से हैं, वे हमें सुरक्षित रखते हैं लेकिन केवल तभी जब हम उनका पालन करें।’’
अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं विशेषकर लापरवाही से वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाएं अत्यधिक चिंताजनक हैं। उन्होंने कम उम्र में वाहन चलाने वाले लोगों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
बुखारी ने कहा, ‘‘यातायात उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, नाबालिगों के वाहन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध और व्यापक जागरूकता अभियान की सख्त जरुरत है।’’
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए माता-पिता से किशोरों को वाहन नहीं सौंपने की अपील की।
नबी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘याद रखें कि कभी-कभी न कहना सबसे बड़ा प्यार है। ऐसे किशोरों को वाहन देने से बचें जो अभी तक वाहन चलाने के साथ मिलने वाली ज़िम्मेदारी के भार को नहीं समझ पाए हैं। आइए और अधिक परिवारों को इस असहनीय दर्द का सामना करने से रोकें।’’
जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जीशान खान ने कहा कि यह दुखद दुर्घटना माता-पिता को यह सख्ती से याद दिलाती है कि वे बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें।
खान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आइए हम यह सुनिश्चित करें कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन नहीं दिए जाएं। माता-पिता को इससे सीख लेनी चाहिए और सावधान रहना चाहिए। इस विनाशकारी घटना में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं।’’
‘एक्स’ के एक उपयोगकर्ता अयाज वानी ने ट्रैफिक पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अब से यदि पूरे कश्मीर में नाबालिगों को कार या बाइक चलाते हुए देखा या पकड़ा जाए तो उनके माता-पिता को कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जाए।
वानी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तेंगपोरा की दुखद दुर्घटना माता-पिता के लिए आंख खोल देने वाली होनी चाहिए।’’
श्रीनगर शहर के यातायात के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुजफ्फर शाह ने अभिभावकों से अपील की कि वे नाबालिगों को दो या तीन पहिया वाहन न चलाने दें।
उन्होंने कहा, ‘‘वाहन में सवार सभी चार बच्चे स्कूल में पढ़ते थे। महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि अगर लड़के नाबालिग हैं तो माता-पिता ने उन्हें चार पहिया वाहन क्यों दिया? यही सबसे बड़ा सवाल है। अगर उन्हें वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी होती तो यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना नहीं होती।’’
भाषा प्रीति संतोष
संतोष