मणिपुर में विस्थापित महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष समिति गठित की जाए : संसदीय पैनल
मणिपुर में विस्थापित महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष समिति गठित की जाए : संसदीय पैनल
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि सरकार पिछले दिनों हिंसा से प्रभावित मणिपुर में आंतरिक रूप से विस्थापित महिलाओं और बच्चों के लिए लक्षित एक विशेष समिति का गठन करे क्योंकि वहां के लोगों को पिछले 21 महीनों में अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ा है।
संसदीय समिति ने कहा, ‘‘मणिपुर 21 महीनों से असाधारण संकट से जूझ रहा है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई है और पचास से साठ हजार लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।’’
समिति ने कहा कि प्रभावित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं, जो बेघर हो गए हैं तथा अत्यधिक संकट में हैं। उसने कहा कि सरकार ने पीड़ितों की सहायता के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। इसलिए, समिति सिफारिश करती है कि महिला और बाल विकास मंत्रालय आंतरिक रूप से विस्थापित इन महिलाओं और बच्चों के लिए एक लक्षित और अलग कार्यक्रम/योजना के साथ एक समर्पित विशेष समिति गठित करे।
समिति ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को मणिपुर में कानून-व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वहां के हितधारकों का मौजूदा तंत्र में भरोसा और आत्मविश्वास खत्म हो गया है।
उल्लेखनीय है कि मई 2023 से मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं तथा हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
शिक्षा, महिला, बाल, युवा, और खेल संबंधी स्थायी समिति ने संसद में पेश अपनी एक रिपोर्ट में ये सिफारिशें की हैं। कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति ने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय को दोगुना किया जाए तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी आंगनवाड़ियों को सक्षम आंगनवाड़ी एवं शिशुगृह केंद्र में उन्नत किया जाए जहां 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए बाल देखभाल सुविधाएं उपलब्ध हों। समिति ने साल 2025 के अंत तक आंगनवाड़ियों में लगभग 2.13 लाख रिक्त पदों को भरने पर भी बल दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न जाति समुदायों में ‘एनीमिया’ और कुपोषण का पता करने के लिए एक भू-सामाजिक जाति जनगणना कराने की जरूरत है। समिति ने 2032 तक कुपोषण और ‘एनीमिया’ उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की स्थापना का भी सुझाव दिया।
समिति ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में संशोधन कर सभी गर्भवती महिलाओं को लाभ प्रदान करने और दी जाने वाली राशि 5,000 रुपये से बढ़ाकर न्यूनतम 6,000 रुपये करने की भी सिफारिश की है।
भाषा अविनाश माधव
माधव

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