दिल्ली हवाई अड्डे पर देरी से आने वाली उड़ानों के यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था |

दिल्ली हवाई अड्डे पर देरी से आने वाली उड़ानों के यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था

दिल्ली हवाई अड्डे पर देरी से आने वाली उड़ानों के यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था

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Modified Date: December 2, 2024 / 05:04 PM IST
Published Date: December 2, 2024 5:04 pm IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) दिल्ली हवाई अड्डे पर तीन घंटे से अधिक विलंब से पहुंचने वाली उड़ानों के यात्रियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं ताकि वे शीघ्र टर्मिनल पर वापस आकर फिर आगे की अपनी संबंधित उड़ानों में सवार हो सकें।

हवाईअड्डा संचालक दिल्ली- ‘इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल)’ के अनुसार, ऐसे यात्रियों को अपनी-अपनी उड़ानों में दोबारा सवार होने में होने वाली असुविधा और प्रतीक्षा समय को घटाने के लिए, उन्हें सुरक्षा जांच की सामान्य प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी तथा यह प्रक्रिया अलग से की जाएगी, ताकि वे सुरक्षा क्षेत्र (एसएचए) में वापस लौट सकें।

सरकार ने हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी है, ताकि कोहरे, मौसम या तकनीकी कारणों से तीन घंटे से अधिक विलंबित या रद्द हुई उड़ानों के यात्रियों को विमान से उतरने और टर्मिनल पर वापस लौटने की सुविधा मिल सके।

नियमों में ढील के बाद, डायल ने सोमवार को कहा कि उसने ऐसे यात्रियों के लिए सभी तीन टर्मिनल टी 1, टी 2 और टी 3 पर विशेष घेरे बनाए हैं, जो उन्हें संबंधित टर्मिनल के अंदर वापस जाने की अनुमति देंगे।

डायल ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘250 से 450 वर्ग मीटर तक के इन घेरों में एक बार में 55 से 120 यात्री बैठ सकेंगे। इनका उद्देश्य सुरक्षा जांच को सुविधाजनक बनाना है, जिससे यात्री टर्मिनल के सुरक्षा क्षेत्र (एसएचए) में आसानी से फिर प्रवेश कर सकें।’’

सामान्यत: एसएचए सुरक्षा जांच के बाद और यात्री के बोर्डिंग गेट पर पहुंचने से पहले का क्षेत्र है। ये घेरे बस बोर्डिंग गेट और टी3 में कुछ एयरोब्रिज, टी2 में ‘ट्रांसफर एरिया’ और टी1 में बस बोर्डिंग गेट पर स्थित होंगे। ये घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे।

डायल के अनुसार, नयी व्यवस्था से यात्रियों को सामान्य प्रक्रिया के तहत सुरक्षा जांच से गुजरना नहीं पड़ेगा, जिसमें उतरने के बाद यात्रियों को आगमन स्थल पर ले जाया जाता है और घरेलू या अंतरराष्ट्रीय स्थानान्तरण क्षेत्रों के माध्यम से गुजरना होता है, उसके बाद उन्हें एसएचए में वापस लाया जाता है।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ऐसे यात्रियों को सीधे संबंधित स्थल पर लाने से उतरने और चढ़ने में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है। यह समय लगभग 2.30 घंटे से घटकर कुछ ही मिनट रह जाता है।’’

डायल इन विशेष क्षेत्रों के भीतर शौचालय और वेंडिंग मशीन जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी काम कर रहा है।

भाषा आशीष राजकुमार

राजकुमार

 

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