बेंगलुरु, नौ जनवरी (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पेडेक्स) के दौरान उपग्रहों के बीच विचलन पर काबू पा लिया है और अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे के करीब आने के लिए धीमी गति से विचलन की मुद्रा में रखा गया है।
इसरो के मुताबिक, प्रयोग के शुक्रवार को आरंभिक स्थिति में पहुंचने की उम्मीद है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘स्पेडेक्स डॉकिंग अपडेट : विचलन पर काबू पा लिया गया है और अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे के करीब आने के लिए धीमी गति से विचलन की मुद्रा में रखा गया है। कल तक, इसके आरंभिक स्थिति में पहुंचने की संभावना है।’’
इसरो अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने से जुड़े स्पेडेक्स प्रयोग को दो बार (सात जनवरी और नौ जनवरी को) स्थगित कर चुका है।
प्रयोग को टालने के पीछे का कारण बताते हुए इसरो ने बृहस्पतिवार को कहा कि उपग्रहों के बीच 225 मीटर की दूरी तक पहुंचने का अभ्यास करने के दौरान गैर-दृश्यमान अवधि के बाद के समय में विचलन उम्मीद से अधिक पाया गया था।
इसरो ने कहा कि नियोजित डॉकिंग स्थगित कर दी गई और उपग्रह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि स्पेडेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसे दो छोटे उपग्रहों का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष यानों के मिलान, ‘डॉकिंग’ और ‘अनडॉकिंग’ के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी को विकसित करने तथा प्रदर्शित करने के वास्ते तैयार किया गया है।
इसने कहा, ‘‘स्पेडेक्स प्रयोग अंतरिक्ष डॉकिंग में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। अंतरिक्ष डॉकिंग उपग्रहों की मरम्मत-रखरखाव, अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन और अंतरग्रहीय मिशन सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी है।’’
यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति, जैसे कि चंद्रमा पर कदम रखने, चंद्रमा से नमूना लाने, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण एवं संचालन आदि के लिए बेहद अहम है।
भाषा पारुल नेत्रपाल
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