रांची : Hemant Soren Cabinet Expansion: झारखंड में हेमंत सोरेन के सीएम पद की शपथ लेने के बाद हर किसी को मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार था। वहीं अब ये इंतजार खत्म होने जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि, सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 5 दिसंबर को करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए इस दिन दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित करने का आग्रह राजभवन को औपचारिक तौर पर भेजा है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम का ऐलान फिलहाल नहीं किया गया है।
Hemant Soren Cabinet Expansion: मिली जानकारी के अनुसार, 5 दिसंबर को 11 मंत्री शपथ ले सकते हैं। इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह, कांग्रेस के चार और राष्ट्रीय जनता दल के एक मंत्री होंगे। इस बार मंत्रिमंडल में छह से सात नए चेहरों को मौका मिलना तय माना जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ, घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन, मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन, भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव, जामा की विधायक डॉ. लुईस मरांडी और टुंडी के विधायक मथुरा महतो को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। वैसे ईचागढ़ की विधायक सविता महतो और राजमहल के विधायक एमटी राजा के नाम की भी चर्चा चल रही है।
कांग्रेस की ओर से जिन चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है, उनमें लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव, जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी, महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह एवं पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव में कोई एक और कोलेबिरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी के नाम शामिल हैं। रामगढ़ की विधायक ममता देवी, बेरमो के विधायक जयमंगल सिंह और मनिका के विधायक रामचंद्र सिंह के भी नाम की चर्चा है।
Hemant Soren Cabinet Expansion: राजद कोटे से देवघर के विधायक सुरेश पासवान मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे बताए जाते हैं। हालांकि, गोड्डा के विधायक संजय सिंह यादव और हुसैनाबाद के विधायक संजय प्रसाद यादव ने भी मंत्री पद के लिए लॉबिंग की है।
Hemant Soren Cabinet Expansion: बता दें कि, हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के रूप में अकेले शपथ ली थी। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले चार दलों के गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल की है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और सीपीआई एमएल को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। सीपीआई एमएल ने अपने विधायकों को मंत्रिमंडल से दूर रखने का फैसला किया है।