#SarkaronIBC24: नईदिल्ली। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करने के साथ ही ये तय हो गया कि वो 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी…इसी के साथ राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज है कि रायबरेली संसदीय सीट से इस बार कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा… क्या गांधी परिवार को कोई सदस्य अपनी सबसे मजबूत सीट से चुनाव लड़ेगा या कोई नया उम्मीदवार सामने आएगा। इन सबके बीच रायबरेली से लगातार 4 बार से सांसद सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखा है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से लोकसभा सांसद सोनिया गांधी अब राज्यसभा जाने को तैयार हैं. ऐसे में सोनिया गांधी का रायबरेली संसदीय सीट से 20 साल पुराना नाता टूटने जा रहा है, जिससे वह भावुक हैं.. और रायबरेली की जनता के ने नाम सोनिया गांधी ने एक भावुक चिट्ठी लिखी है, चिट्ठी में सोनिया ने लिखा है कि ‘दिल्ली में मेरा परिवार अधूरा है। रायबरेली आकर मेरा परिवार पूरा होता है।’ रायबरेली सीट छोड़ने के कारणों का भी जिक्र सोनिया ने अपने पत्र में किया है।
सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में कहा कि रायबरेली के बिना उनका परिवार अधूरा है… “रायबरेली अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला… “पति राजीव गांधी और सास इंदिरा गांधी को खोने के बाद जब वह रायबरेली आईं तो यहां के लोगों ने उनके लिए अपना आंचल फैला दिया…
चिट्ठी में सोनिया गांधी ने लिखा, “पिछले दो चुनाव में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी नहीं भूल सकती.. मुझे ये कहते हुए गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं आपकी बदौलत हूं. मैने इस भरोसे को निभाने की हर कदम कोशिश की है”
कांग्रेस नेता ने रायबरेली की जनता से कहा कि ‘अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लहूँगी। लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आये हैं।
बड़ों को प्रणाम, छोटों को स्नेह.. जल्द मिलने का वादा ।
आपकी,
सोनिया गांधी
सोनिया ने चिट्ठी के आखिरी हिस्से में परिवार का ख्याल रखने की बात से उन्होंने संकेत दिया कि इस सीट से राहुल गांधी या प्रियंका वाड्रा चुनाव में उतर सकते हैं। प्रियंका गांधी की चुनावी राजनीति में पहली एंट्री यहीं से कराने के कयास जोरों पर हैं। सोनिया गांधी के सांसद रहने के दौरान भी प्रियंका ही यहां प्रचार की कमान संभालती रही हैं। तय है सोनिया के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद रायबरेली से एक मजबूत चेहरे को मैदान में उतारने की चुनौती पार्टी के सामने होगी, वहीं 400 पार के नारे के साथ मैदान में डटी भाजपा के लिए भी रायबरेली के तिलिस्म को तोड़ने की चुनौती होगी।
इलेक्शन डेस्क, IBC24
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