सोनम वांगचुक दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए गए; अनिश्चितकालीन अनशन शुरू

सोनम वांगचुक दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए गए; अनिश्चितकालीन अनशन शुरू

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  • Publish Date - October 1, 2024 / 01:05 PM IST,
    Updated On - October 1, 2024 / 01:05 PM IST

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिये गए अन्य लोगों ने मंगलवार को उन पुलिस थानों पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया जहां उन्हें रखा गया है।

इन लोगों को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे लद्दाख के लिए छठी अनुसूची में दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे।

वांगचुक, एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे है। उन्हें और लद्दाख के लगभग 120 अन्य लोगों को सोमवार रात हिरासत में लिया गया।

पदयात्रा का आयोजन ‘लेह एपेक्स बॉडी’ द्वारा किया गया था, जो ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ मिलकर पिछले चार साल से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा दिए जाने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ ही शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और लेह एवं करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, वांगचुक और उनके साथ आए लोगों को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिया गया और उन्हें बवाना, नरेला औद्योगिक क्षेत्र और अलीपुर सहित विभिन्न पुलिस थानों में ले जाया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें वापस जाने के लिए समझाने की कोशिश की क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 (जो पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाती है) लागू है, लेकिन वे अड़े रहे।’’

उन्होंने कहा कि वे अभी भी हिरासत में हैं।

समूह के एक प्रतिनिधि ने दावा किया कि वांगचुक को बवाना पुलिस थाने ले जाया गया और उन्हें उनके अधिवक्ताओं से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

प्रतिनिधि ने बताया कि कार्यकर्ता और अन्य लोगों ने उन पुलिस थानों में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है, जहां उन्हें रखा गया है।

प्रतिनिधि ने दावा किया कि वांगचुक और समूह के अन्य सदस्यों ने आधिकारिक अनुमति मांगी थी और यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ईमेल भी किया था, लेकिन उस जानकारी का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए किया गया।

लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों में करीब 30 महिलाएं भी शामिल हैं और उन्हें पुरुष बंदियों के साथ रखा गया है।

हनीफा ने कहा, ‘‘लद्दाख के कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में रखा गया है। मैं उनमें से कुछ से कल देर रात और आज सुबह मिला ।’’

उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर मार्च में शामिल होने आए करगिल के करीब 60-70 लोगों को भी दिल्ली पुलिस ने रोक दिया।

हनीफा ने कहा कि करीब 30 महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पुरुष बंदियों के साथ रखा गया है।’’ हालांकि, दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात कहा था कि महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में नहीं लिया गया।

भाषा खारी नरेश

नरेश