जिन संस्थाओं पर हमे गर्व है उन्हें कलंकित करने को कुछ ‘भटकती आत्माएं’ विमर्श गढ़ रही: धनखड़ |

जिन संस्थाओं पर हमे गर्व है उन्हें कलंकित करने को कुछ ‘भटकती आत्माएं’ विमर्श गढ़ रही: धनखड़

जिन संस्थाओं पर हमे गर्व है उन्हें कलंकित करने को कुछ ‘भटकती आत्माएं’ विमर्श गढ़ रही: धनखड़

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 10:31 PM IST, Published Date : June 18, 2024/10:31 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि अनियमित सूचना और फर्जी खबरें तबाही और अकल्पनीय स्तर की आपदा पैदा कर सकती हैं।

उन्होंने कुछ “भटकती आत्माओं” पर निशाना साधा जो उन संस्थाओं को कलंकित करने, कमतर करने और नीचा दिखाने के लिए विमर्श गढ़ रही हैं जिन पर लोगों को गर्व है।

उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया मंचों की अनियंत्रित और बेतहाशा “तेजी से वृद्धि” हुई है, जिसने प्रत्येक नागरिक को सकारात्मक अर्थ में एक संचारक (कम्युनिकेटर) बना दिया है।

उन्होंने कहा, “लेकिन संचारकों की विशाल सेना में, आपके पास विघटनकारियों का एक छोटा सा वर्ग भी है जो हमारे राष्ट्रवाद में विश्वास नहीं कर सकता है, जो हमारे विकास पथ में विश्वास नहीं कर सकता है, जो हमें नुकसान पहुंचाता है।”

इस तरह के विमर्श में ऊर्ध्वाधर वृद्धि हुई है।

भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब वैश्विक मीडिया द्वारा कोई प्रेरित कहानी गढ़ी जाती है, तो उस पर विश्वास करने की प्रवृत्ति होती है। “इस तरह की कहानी गढ़ने वाले वैश्विक मीडिया को कुंद किया जाना चाहिए।”

उन्होंने “गलत सूचना” को शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा और लोकतंत्र के लिए चुनौती बताया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि संसद में भी सूचनाओं का “खुलेआम प्रसार” हो रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी हैं।

उन्होंने कहा कि यह भयावह और चिन्ताजनक है कि कुछ भटकती आत्माएं फर्जी सूचनाएं फैलाने में लगी हुई हैं। “वे उन संस्थाओं को कलंकित करने, कमतर करने और नीचा दिखाने के लिए एक के बाद एक विमर्श गढ़ रही हैं जिन पर लोगों को गर्व है।”

धनखड़ ने आगाह करते हुए कहा, “देश में और बाहर एक छोटी संख्या में दुष्ट शक्तियां सक्रिय हैं।”

भाषा प्रशांत माधव पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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