कुछ लोग समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, भारत को विकसित बनाने के लिए एकता महत्वपूर्ण: मोदी

कुछ लोग समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, भारत को विकसित बनाने के लिए एकता महत्वपूर्ण: मोदी

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  • Publish Date - November 11, 2024 / 12:52 PM IST,
    Updated On - November 11, 2024 / 12:52 PM IST

( तस्वीर सहित )

अहमदाबाद, 11 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें हराने की जरूरत है। उन्होंने देश को 2047 तक विकसित बनाने के लिए एकता की जरूरत पर बल दिया।

प्रधानमंत्री श्री स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुजरात के खेड़ा जिले के वडताल में श्रद्धालुओं की एक सभा को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नागरिकों के बीच एकता और राष्ट्र की अखंडता महत्वपूर्ण है। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों या संकीर्ण मानसिकता के चलते हमारे समाज को जाति, धर्म, भाषा, पुरुष-महिला, गांव-शहर के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमें उनके इरादों को समझना होगा और उन्हें हराने के लिए एकजुट होना होगा।’’

मोदी ने स्वामीनारायण सम्प्रदाय के सभी संतों से अनुरोध किया कि वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने लक्ष्य को पूरा करने में देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ें।

उन्होंने कहा कि जैसे आजादी के आंदोलन में एक शताब्दी तक समाज के भिन्न-भिन्न कोने से आजादी की ललक और आजादी की चिंगारी देशवासियों को प्रेरित कर रही थी, वैसी ही ललक और वैसी ही चेतना ​‘विकिसत भारत’ के लिए 140 करोड़ देशवासियों में हर पल होना जरूरी है

उन्होंने कहा, ‘‘युवा, राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं और करेंगे। इसके लिए हमें सशक्त और शिक्षित युवाओं का निर्माण करना होगा। ‘विकसित भारत’ के लिए हमारे युवा सशक्त होने चाहिए। कुशल युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने स्वामीनारायण मंदिर, वडताल के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक सिक्का जारी किया है। भगवान स्वामीनारायण हमारे इतिहास के कठिन समय में आए थे और हमें नई ताकत दी थी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 200 साल पहले जिस वडताल धाम की स्थापना भगवान श्री स्वामीनारायण ने की थी, आज भी उसकी अध्यात्मिक चेतना को जागृत रखा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आज भी यहां भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं को, उनकी ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा