ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: न्यायालय ने ‘व्यापक’ जागरूकता अभियान चलाने का आदेश दिया

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: न्यायालय ने ‘व्यापक’ जागरूकता अभियान चलाने का आदेश दिया

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: न्यायालय ने ‘व्यापक’ जागरूकता अभियान चलाने का आदेश दिया
Modified Date: April 8, 2025 / 10:25 pm IST
Published Date: April 8, 2025 10:25 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में भारी मात्रा में कचरा पैदा करने वालों को शिक्षित करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से ‘व्यापक’ जागरूकता अभियान शुरू करे।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि थोक अपशिष्ट उत्पादक प्रतिदिन बड़ी मात्रा में ठोस अपशिष्ट उत्पन्न करते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम एमसीडी को निर्देश देते हैं कि वह पारंपरिक, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया दोनों मंचों पर विज्ञापन देकर 2016 के नियम 4 के तहत विभिन्न हितधारकों के कर्तव्यों के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू करे।’’

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शीर्ष अदालत ने कहा कि एमसीडी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) नियम, 2016 के नियम 4 के कार्यान्वयन पर जोर देने की जरूरत है।

आदेश में कहा गया, ‘‘एमसीडी 311 ऐप पर शिकायत दर्ज करना संभव है। इस तथ्य का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए कि नागरिक उक्त ऐप पर तस्वीरें अपलोड करके नियम 4 के तहत विभिन्न हितधारकों के कर्तव्यों के उल्लंघन के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।’’

एमसीडी ने पीठ को बताया कि नगर निगम की सीमा के भीतर पहचाने गए 3,059 थोक अपशिष्ट उत्पादकों में से 1,449 एमसीडी 311 ऐप पर पंजीकृत हैं।

नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि 12 टास्क फोर्स गठित की गईं और 9.9 लाख रुपये के 2,011 चालान जारी किए गए।

उन्होंने कहा कि 2016 के नियमों को लागू करने के दायित्व के बारे में थोक अपशिष्ट उत्पादकों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ 431 बैठकें आयोजित की गईं।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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