‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना संचालित करने वाली ‘सोसाइटी’ ने धन जारी करने का निर्णय लिया: एलजी दफ्तर

‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना संचालित करने वाली ‘सोसाइटी’ ने धन जारी करने का निर्णय लिया: एलजी दफ्तर

‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना संचालित करने वाली ‘सोसाइटी’ ने धन जारी करने का निर्णय लिया: एलजी दफ्तर
Modified Date: January 5, 2024 / 10:18 pm IST
Published Date: January 5, 2024 10:18 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) दिल्ली के उप राज्यपाल के कार्यालय ने उच्चतम न्यायालय को शुक्रवार को बताया कि दुर्घटना के शिकार हुए लोगों को मुफ्त उपचार मुहैया कराने संबंधी योजना ‘फरिश्ते दिल्ली के’ शीघ्र सुचारु रूप से संचालित होगी।

उप राज्यपाल के कार्यालय ने न्यायालय से कहा कि इसे संचालित करने वाली सोसाइटी की हाल में बैठक हुई और योजना के क्रियान्वयन के लिए उसने धन जारी करने का निर्णय लिया।

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि यह ‘मंत्रिपरिषद बनाम एलजी’ का मुद्दा नहीं है।

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अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले को ‘‘बेवजह तूल दिया जा रहा है’’। उन्होंने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि उप राज्यपाल योजना के क्रियान्वयन में शामिल नहीं हैं। इसका संचालन एक ‘सोसाइटी’ द्वारा किया जाता है और उसके प्रमुख हैं दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री।

पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन से कहा, ‘‘आप इस आशय का एक हलफनामा दाखिल करें। अगर हम यह पाते हैं कि मंत्री ने हमें धोखा दिया है तो हम जुर्माना लगाएंगे।’’

जैन ने कहा,‘‘ किसी ने किसी को धोखा नहीं दिया सिवाय इसके कि याचिकाकर्ता ने इस अदालत के मंच का इस्तेमाल किसी चीज के विरोध के लिए किया है….यह बेवजह तूल देना का सटीक मामला है।’’

उन्होंने पीठ को बताया कि यह ‘‘मंत्रिपरिषद बनाम एलजी’’ का मुद्दा नहीं है।

पीठ ने कहा कि चूंकि धनराशि जारी कर दी जाएगी इसलिए यह मामला खत्म हो जाएगा। पीठ ने साथ ही कहा कि ‘‘ उप राज्यपाल से कहिए कि हर मामले को प्रतिष्ठा का मामला नहीं बनाएं।’’

जैन ने कहा, ‘‘एलजी इसमें शामिल नहीं हैं। मैं यही बताना चाह रहा था। यह एक सोसायटी है जिसका नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्री करते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने ही बैठक की थी…उन्होंने अब धनराशि जारी कर दी है।’’

पीठ ने उनसे दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा और कार्यवाही स्थगित कर दी।

भाषा शोभना पवनेश

पवनेश


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