जल संरक्षण के प्रयासों के बिना समाज प्रगति नहीं कर सकता: राष्ट्रपति मुर्मू

जल संरक्षण के प्रयासों के बिना समाज प्रगति नहीं कर सकता: राष्ट्रपति मुर्मू

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 02:21 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 02:21 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भूजल की घटती गुणवत्ता और मात्रा पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को जल संसाधन के संरक्षण में सामूहिक उत्तरदायित्व की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

राष्ट्रपति ने मंगलवार को राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर कहा, ‘‘भूजल न केवल प्रदूषित हो रहा है, बल्कि कम भी हो रहा है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।’’

उन्होंने आगाह किया कि संरक्षण के प्रयासों के बिना समाज प्रगति नहीं कर सकता।

मुर्मू के अनुसार, सभी प्रमुख सभ्यताएं जल निकायों के आसपास विकसित हुई हैं, इसके बावजूद आधुनिक समय में पानी के विषय को अक्सर उपेक्षित किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कई बार जल के महत्व को भूल जाते हैं।’’

मुर्मू ने जल प्रबंधन में राज्य सरकारों की भूमिका पर जोर दिया और संरक्षण के प्रति समर्पण के लिए जल शक्ति मंत्रालय और इस विभाग के मंत्री सीआर पाटिल की प्रशंसा की।

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं की उनके प्रयासों के लिए सराहना की और आग्रह किया कि उनकी सर्वोत्तम प्रथाओं को व्यापक रूप से साझा किया जाए।

जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित पुरस्कारों में नौ श्रेणियों में प्रयासों को मान्यता दी गई, जिसमें ओडिशा ने सर्वश्रेष्ठ राज्य के लिए शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश दूसरे तथ गुजरात और पुडुचेरी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे।

सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2018 में राष्ट्रीय जल पुरस्कार शुरू किए गए थे।

भाषा हक

हक नरेश

नरेश