सोशल मीडिया मंच बच्चों को ऑनलाइन शोषण से सुरक्षा प्रदान करने के तरीके ढूंढ़ें: एनसीपीसीआर

सोशल मीडिया मंच बच्चों को ऑनलाइन शोषण से सुरक्षा प्रदान करने के तरीके ढूंढ़ें: एनसीपीसीआर

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  • Publish Date - September 22, 2024 / 08:17 PM IST,
    Updated On - September 22, 2024 / 08:17 PM IST

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे बच्चों को ऑनलाइन शोषण और हानिकारक सामग्री से सुरक्षा प्रदान करने के उपायों की तलाश करें।

आयोग ने इंटरनेट पर बच्चों की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित करने के तरीके ढूंढ़ने से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रमुख सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

गूगल, यूट्यूब, मेटा, एक्स, स्नैपचैट, रेडिट, शेयरचैट और बम्बल जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक हालिया बैठक में आयोग ने बच्चों को हानिकारक सामग्री और ऑनलाइन शोषण से बचाने के तरीके खोजने की मांग की।

इसमें जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें उम्र सत्यापन प्रणाली, बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) की पहचान और उस पर पाबंदी लगाने के उपकरण, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए समर्थन तथा राष्ट्रीय गुमशुदा और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीएमईसी) को मामलों की रिपोर्ट देना शामिल हैं।

शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने सोशल मीडिया मंचों पर अधिक सुरक्षा उपायों की जरूरत पर जोर दिया। आयोग ने बच्चों को अश्लील सामग्री और दरिंदों से सुरक्षा प्रदान करने को बातचीत के केंद्र में रखा।

बैठक के बाद आए पत्र में कई सिफारिशों को रेखांकित किया गया है। विशेष रूप से इसमें मंचों के उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करने के लिए ‘अपने ग्राहक को जानें’ (केवाईसी) प्रक्रियाओं को अनिवार्य करने और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री को लेकर अनिवार्य तौर पर रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया है।

आयोग ने सोशल मीडिया मंचों पर अनुबंध करने वाले नाबालिगों के लिए माता-पिता की सहमति के महत्व और अश्लील सामग्री के बारे में माता-पिता को चेतावनी देने वाले स्पष्ट ‘डिस्क्लेमर’ (अस्वीकरण) की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इसके अलावा सोशल मीडिया मंचों से बाल शोषण से जुड़े मामलों (इसमें बाल अश्लीलता और बाल दुर्व्यवहार की जानकारी शामिल है) पर विस्तृत रिपोर्ट प्रदान करके एनसीएमईसी के साथ सहयोग करने का आग्रह किया गया। रिपोर्ट में जनवरी से जून 2024 तक के आंकड़ों को शामिल करने को कहा गया है।

भाषा संतोष नरेश

नरेश