सीतारमण ने तनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ाने का आह्वान किया, कांग्रेस ने की आलोचना

सीतारमण ने तनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ाने का आह्वान किया, कांग्रेस ने की आलोचना

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  • Publish Date - September 22, 2024 / 09:33 PM IST,
    Updated On - September 22, 2024 / 09:33 PM IST

चेन्नई, 22 सितंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों से तनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ाने का आह्वान किया, जिससे छात्रों को आंतरिक रूप से मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह टिप्पणी ईवाई में कार्यरत एक युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की मौत के संदर्भ में की।

विपक्षी दल कांग्रेस ने सीतारमण की टिप्पणी को “पूरी तरह से क्रूर” बताते हुए इसकी आलोचना की है।

वर्ष 2023 में सीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ईवाई के पुणे कार्यालय में लगभग चार महीने काम करने वाली अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की जुलाई में मौत हो गई थी। अन्ना की मां ने ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर कहा था कि एक नयी कर्मचारी के तौर पर अन्ना पर काम का अत्यधिक बोझ डाला गया, जिसने उन्हें “शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से” प्रभावित किया।

सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह जानी-मानी अकाउंट फर्म ईवाई में काम के माहौल की जांच करेगी।

यहां एक निजी मेडिकल कॉलेज में शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने 26 वर्षीय महिला कर्मी का जिक्र किया। हालांकि, उन्होंने कर्मी और उसकी नियोक्ता कंपनी का नाम नहीं लिया।

सीतारमण ने कहा, “…एक मुद्दे पर चर्चा कर रही थी, जो पिछले दो दिन से सुर्खियों में है। हमारे बच्चे शिक्षा के लिए कॉलेज या विश्वविद्यालय जाते हैं और वहां से निखरकर निकलते हैं। सीए की पढ़ाई करने वाली एक युवती एक कंपनी में काम के दबाव को झेलने में असमर्थ थी। दो-तीन दिन पहले हमें खबर मिली कि दबाव झेलने में असमर्थ होने के कारण उसकी मौत हो गई।”

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों और परिवारों को बच्चों को तनाव प्रबंधन के गुर सिखाने चाहिए, उनसे कहना चाहिए कि आप जो भी पढ़ाई करें, जो भी नौकरी करें, आपमें उससे जुड़ा तनाव झेलने की अंदरूनी शक्ति होनी चाहिए।

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सीतारमण की इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ दल और वित्त मंत्री केवल अदाणी और अंबानी जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों का दर्द देख सकते हैं, मेहनतकश युवा पीढ़ी का नहीं। ऐतिहासिक बेरोजगारी के इस युग में अन्ना जैसे प्रतिभाशाली युवा अगर नौकरी पाने में सफल भी होता हैं तो भी लालची कॉरपोरेट कंपनियां उनका शोषण करती हैं।”

वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “वित्त मंत्री का यह सुझाव देकर अन्ना और उनके परिवार को दोषी ठहराना बेहद क्रूर है कि अन्ना को घर पर तनाव प्रबंधन का गुर सिखाया जाना चाहिए था। पीड़ित पर इस तरह का आरोप लगाना घृणित है और इस तरह के बयानों के कारण जो गुस्सा और घृणा महसूस होती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”

भाषा पारुल रंजन

रंजन