गंगटोक, 27 नवंबर (भाषा) सिक्किम सरकार ने ग्लेशियर पिघलने के कारण हिमनद झीलों में पानी बढ़ जाने से बाढ़ के जोखिम को कम करने और जलवायु संतुलन बरकरार रखने के लिए 2024 का अपना चौथा और अंतिम अभियान 27 नवंबर से शुरू कर दिया।
ये अभियान पांच दिसंबर तक जारी रहेगा।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर के पिघलने की वजह से हिमनद झीलों के बढ़ते खतरों के मद्देनजर यह मिशन शुरू किया गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि अकेले सिक्किम में 40 उच्च जोखिम वाली हिमनद झीलों की पहचान की गई है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, पिछले अभियानों में कई उच्च जोखिम वाली झीलों का व्यापक मूल्यांकन किया गया था। इसके अलावा स्विस डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सहयोग से शाको छो और साउथ ल्होनक झील में स्वचालित मौसम एवं जल स्तर निगरानी केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन निगरानी केंद्रों से रोजाना के मौसम, जल स्तर आदि के आंकड़ों के साथ ही तस्वीरें भी मिलने लगी हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक, इन केंद्रों में अचानक जल स्तर में बदलाव होने पर एक अंतर्निहित चेतावनी प्रणाली भी है। इन अभियानों से हिमनद से आने वाली बाढ़ के मार्गों को तलाशने, संभावित बाढ़ को रोकने के लिए संरचनाओं के डिजाइन की जानकारी आदि प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
भाषा जितेंद्र अविनाश
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