Mahakumbh 2025 Ki Taiyari: महाकुंभ के लिए संगम तट पर सजने लगी दुकानें, देश के हर कोने से श्रद्धालुओं के लिए मंगाए गए रूद्राक्ष और तुलसी की मालाएं

Mahakumbh 2025 Ki Taiyari: महाकुंभ के लिए संगम तट पर सजने लगी दुकानें, देश के हर कोने से श्रद्धालुओं के लिए मंगाए गए रूद्राक्ष और तुलसी की मालाएं

  •  
  • Publish Date - January 2, 2025 / 10:49 PM IST,
    Updated On - January 2, 2025 / 10:49 PM IST

प्रयागराज। Mahakumbh 2025 Ki Taiyari: देशभर में महाकुंभ को लेकर चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 मेले में सैकड़ों श्रद्धालु पधारने वाले हैं। जिसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ मेले की तैयारियों में किसी प्रकार का कसर नहीं छोड़ रही है। वहीं इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्ष बाद पड़ने वाले महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। महाकुंभ 2025, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान से शुरू हो कर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ पूरा होगा। मेले के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं।

बता दें कि, महाकुंभ का इंतजार न केवल साधु-संन्यासी, कल्पवासी, श्रद्धालु बल्कि प्रयागराजवासी भी बेसब्री से कर रहे हैं। महाकुंभ में संगम, मेला क्षेत्र और प्रयागराज के दुकानदार पूजा सामग्री, पत्रा-पंचाग, धार्मिक पुस्तकें, रुद्राक्ष और तुलसी की मालाओं को नेपाल, बनारस, मथुरा-वृदांवन से मंगा रहे हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु लौटते समय अपने साथ संगम क्षेत्र से धार्मिक पुस्तकें, पूजन सामग्री, रोली-चंदन और मालाएं जरूर ले जाते हैं।

Read More: Face To Face Madhya Pradesh: यूनियन कर्बाइड का ‘हलाहल’..सियासत जरुरी या स्थाई हल? गैस त्रासदी से जुड़े अंतिम अध्याय पर विवाद क्या जायज है?

करोड़ों की संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु

महाकुंभ, सनातन आस्था का महापर्व है। इस अवसर पर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले देश के कोने-कोने से प्रयागराज आते हैं और त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं। इस वर्ष महाकुंभ के अवसर पर 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने का अनुमान है। श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने, उनके स्नान और रहने की व्यवस्थाओं का प्रबंध सीएम योगी के दिशा निर्देश पर मेला प्राधिकरण पूरे जोश और उत्साह के साथ कर रहा है। साथ ही प्रयागराजवासी और यहां के दुकानदार,व्यापारी भी महाकुंभ को लेकर उत्साहित हैं।

महाकुंभ उनके लिए पुण्य और सौभाग्य के साथ व्यापार और रोजगार के अवसर भी लेकर आया है। पूरे शहर में होटल, रेस्टोरेंट, खाने-पीने की दुकानों के साथ पूजा सामग्री, धार्मिक पुस्तकों, माला-फूल की दुकानें भी सजने लगी हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के अनुमान के मुताबिक दूसरे शहरों से सामान मंगाया जा रहा है। रुद्राक्ष की मालाएं उत्तराखंड और नेपाल से तो तुलसी की मालाएं मथुरा-वृंदावन से, रोली, चंदन और अन्य पूजन सामग्री बनारस और दिल्ली के पहाड़गंज से मंगाई जा रही हैं।

Read More: Minor murder: पिता और भाईयों को रास नहीं आया बेटी से प्रेम-प्रसंग, नाबालिग की पीट-पीटकर की हत्या 

इन चीजों की मांग करते हैं श्रद्धालु

Mahakumbh 2025 Ki Taiyari: प्रयागराज के दारागंज में धार्मिक पुस्तकों के विक्रेता संजीव तिवारी का कहना है कि, सबसे ज्यादा गीता प्रेस, गोरखपुर से छपी धार्मिक पुस्तकों की मांग होती है। अधिकांश श्रद्धालु राम चरित मानस, भागवतगीता, शिव पुराण और भजन व आरती संग्रह की मांग करते हैं। इसके अलावा पूजा-पाठ का काम करने वाले पुजारी वाराणसी से छपे हुए पत्रा और पंचांग भी खरीदकर ले जाते हैं। इसके अलावा मुरादाबाद और बनारस में बनी पीतल और तांबे की घंटियां, दीपक, मूर्तियां भी मंगाई जा रही है। मेले में कल्पवास करने वाले श्रद्धालु और साधु-संन्यासी पूजा-पाठ के लिए हवन सामग्री, आसन, गंगाजल, दोनें-पत्तल, कलश आदि की मांग करते हैं, जिसे भी बड़ी मात्रा में दुकानदार अपनी दुकानों में मंगा कर स्टोर कर रहे हैं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp