‘शोले’ के संवाद के जरिये राहुल पर मोदी का तंज, कहा: ‘‘मौसी जी, नैतिक जीत तो है ना’’

‘शोले’ के संवाद के जरिये राहुल पर मोदी का तंज, कहा: ‘‘मौसी जी, नैतिक जीत तो है ना’’

‘शोले’ के संवाद के जरिये राहुल पर मोदी का तंज, कहा: ‘‘मौसी जी, नैतिक जीत तो है ना’’
Modified Date: July 2, 2024 / 10:37 pm IST
Published Date: July 2, 2024 10:37 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुचर्चित फिल्म ‘शोले’ के एक मशहूर दृश्य एवं संवाद के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि तीसरी बार लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाने के बावजूद यह पार्टी यही राग अलाप रही है, ‘‘मौसी जी, यह नैतिक जीत है।’’

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मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए इसे ‘परजीवी’ पार्टी भी कहा और दावा किया कि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के वोट खा लिये।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं के बयान फिल्म ‘शोले’ से भी आगे निकल गए हैं। आप सभी को फिल्म की मौसी जी याद होंगी। तीसरी बार तो हारे हैं, पर मौसी जी, नैतिक जीत तो है ना।

मोदी ने यह भी कहा, ‘‘अरे मौसी, 13 राज्यों में कोई सीट नहीं आई, फिर भी हीरो तो हैं ना।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी की लुटिया तो डूबी है, अरे मौसी, पार्टी अभी सांसें तो ले रही है न।’’

उनका इशारा ‘शोले’ के मशहूर कॉमिक दृश्य की ओर था जिसमें ‘जय’ का किरदार निभाने वाले अमिताभ बच्चन बसंती (हेमा मालिनी) की बूढ़ी मौसी से अपने दोस्त वीरू (धर्मेन्द्र) की शादी की बात करने जाते हैं। जय अपने दोस्त (वीरू) की शादी के लिए बसंती का हाथ उसकी मौसी से मांगता है और अपने दोस्त की बुराइयों का जिक्र करता रहता है। फिर उन बुराइयों का बचाव करते हुए मजेदार कारण भी बताता है।

मोदी ने कांग्रेस को ‘जीत के फर्जी जश्न’ की आड़ में जनादेश को न दबाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘फर्जी जीत के नशे में जनादेश को न डुबोएं। ईमानदारी से लोगों के जनादेश को समझें और स्वीकार करें।’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के सहयोगियों ने चुनावों का विश्लेषण किया है या नहीं। यह चुनाव इन सहयोगियों के लिए भी एक संदेश है। वर्ष 2024 से कांग्रेस को परजीवी कांग्रेस पार्टी के रूप में जाना जाएगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘परजीवी वह होता है जो जिस शरीर में रहता है, उसी को खाता है और कांग्रेस जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसके वोट खा जाती है और अपने सहयोगी की कीमत पर समृद्ध होती है। मैं इसे तथ्यों के आधार पर परजीवी कह रहा हूं।’’

उन्होंने यह कहते हुए अपने तर्क को पुष्ट किया, ‘‘जहां भी कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था, या जहां कांग्रेस प्रमुख भागीदार थी, वहां इसका स्ट्राइक रेट 26 प्रतिशत रहा, लेकिन जहां वह जूनियर सहयोगी थी, ऐसे राज्यों में उसका स्ट्राइक रेट 50 प्रतिशत था।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जिन 99 सीट पर जीत हासिल की, उनमें से अधिकांश पर उसके सहयोगियों ने उसे जीतने में मदद की, इसलिए वह ‘परजीवी’ है।

मोदी ने कहा, ‘जिन 16 राज्यों में उसने अकेले चुनाव लड़ा, वहां उसका वोट शेयर कम हो गया। गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और 66 में से दो सीट जीतीं। इसका मतलब है कि इन चुनावों में कांग्रेस परजीवी बन गई थी और अपनी संख्या बढ़ाने के लिए उसने अपने सहयोगियों के कंधे पर सवार होकर काम किया।’

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के वोट नहीं खाए होते, तो उसके लिए इतनी सीट जीतना भी मुश्किल होता।

भाषा सुरेश सुरेश अविनाश

अविनाश


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