भोपाल। Shivraj Singh Live : गुरुवार को मोदी कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी है, जो घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए जिन प्रस्तावों पर मुहर लगी है उसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दी।
शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी है,जो घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। मिशन को 10,103 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 2024-25 से 2030-31 तक की सात साल की अवधि में लागू किया जाएगा।
शिवराज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी महाराष्ट्र से किसान सम्मान निधि की राशि डालेंगे। 20 हजार करोड़ की राशि डाली जाएगी। उत्पादन बढाना,लागत घटना, ठीक दाम देना,वेल्यू एडिशन, प्राकृतिक खेती पर जोर है। इंपोर्ट ड्यूटी 0 प्रतिशत थी। अब 27% हो गई है जो सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी पर लागू है। इससे सोयाबीन के दाम 500 रुपए बढ़ गए हैं,इससे किसानों को लाभ होगा। भावांन्तर योजना का भी राज्य लाभ ले सकते हैं।
बासमती पर मिनिमम एक्सपोर्ट चार्ज खत्म कर दिया है। इससे बासमती के अच्छे दाम मिलेंगे। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने के लिए खाद्य तिलहन मिशन बनाया गया है। इससे ब्रीड सर्टिफाइड सीड बनाकर किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को क्लस्टर में फ्री बीज, ट्रेनिंग, उत्पादन की 100% खरीद की गारंटी देंगे। बीज भण्डारण इकाइयां भी बनाई जाएंगी।
शिवराज सिंह ने कहा कि डिजिटल कृषि मिशन के तहत रजिस्ट्रीकरण का काम विभाग में शुरू किया है। सारा रिकॉर्ड किसानों का डिस्टलाइज किया जाएगा। जिस किसान की खेत पर ओले गिरे, उसको फायदा नहीं मिला। दूसरे को मिल गया। इससे नुकसान हुआ तो पता चल जाएगा कितना हुआ।
फसल बीमा योजना के तहत भी पूरी जानकारी का रिकॉर्ड डिजिटल होगा। कोई हेरा फेरी फिर संभव नहीं होगी। किसानों को कितना लाभ दिया जा सकता है उतना सरकार प्रयोग कर रही है। ड्रोन दीदी को भी ट्रेनिंग मिली है। वह सक्सेसफुल काम कर रही है। मध्य प्रदेश में भी ड्रोन दिए गए हैं। ड्रोन में एक दिक्कत आई थी कि बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो जाती थी। अब पांच बैटरी ड्रोन दीदी को देंगे