शिरोमणि अकाली दल के नेता डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ी

शिरोमणि अकाली दल के नेता डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ी

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  • Publish Date - August 25, 2024 / 11:37 PM IST,
    Updated On - August 25, 2024 / 11:37 PM IST

चंडीगढ़, 25 अगस्त (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

माना जा रहा है कि वह गिद्दड़बाहा विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज थे।।

हालांकि, शिअद ने ढिल्लों से पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार से गुमराह न होने का आग्रह किया और कहा कि वह आगामी उपचुनाव के लिए उनका पूरा समर्थन करता है।

शिअद नेताओं के एक वर्ग के विद्रोह के बीच ढिल्लों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है।

पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाने वाले ढिल्लों गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट के लिए पार्टी के निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी थे और वह उपचुनाव में उम्मीदवार बनना चाहते थे।

ढिल्लों ने 2017 और 2022 में गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से लगभग 1,300 मतों के अंतर से हार गए थे।

वडिंग के लुधियाना से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं।

हालांकि ढिल्लों ने कहा कि वह अपने समर्थकों से परामर्श के बाद अपनी अगली रणनीति की घोषणा करेंगे, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि वह आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो सकते हैं।

ढिल्लों ने कहा, ‘बीबा जी (हरसिमरत कौर बादल) ने संकेत दिया है कि सुखबीर उपचुनाव लड़ेंगे।’

उन्होंने कहा कि उन्हें सुखबीर की उम्मीदवारी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सुखबीर ने घोषणा की है कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेंगे।

ढिल्लों ने कहा कि सुखबीर के चचेरे भाई और भाजपा नेता मनप्रीत सिंह बादल भी निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि कि शिअद उन्हें मैदान में उतार सकता है।

उन्होंने कहा कि उनके समर्थकों ने उन्हें आगाह किया था कि उन्हें धोखा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समर्थकों ने उनसे कहा था कि वह अपना नाम उम्मीदवार के रूप में घोषित करवा लें।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से मनप्रीत के खिलाफ बोलने के लिए भी कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

ढिल्लों ने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं दो भाइयों (सुखबीर और मनप्रीत) के प्यार के बीच बाधा बन रहा हूं।’

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों से परामर्श लेने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश