आंबेडकर और गांधी की प्रतिमाओं का स्थानांतरण लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन: उदित राज

आंबेडकर और गांधी की प्रतिमाओं का स्थानांतरण लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन: उदित राज

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  • Publish Date - June 26, 2024 / 06:42 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 06:42 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने बुधवार को कहा कि संसद परिसर में महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाओं को मनमाने ढंग से एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित करना लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है।

उदित राज के नेतृत्व वाले संगठन ‘दलित, ओबीसी एवं मॉइनॉरिटीज़ परिसंघ’ तथा कुछ अन्य संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।

इस मौके पर उदित राज ने कहा, ‘‘संसद प्रांगण के मुख्य स्थान से आंबेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को दूसरी जगह स्थापित करने का सरकार का कदम मनमाना और एकतरफा है… सरकार नहीं चाहती कि संसद की बैठक के ठीक बगल में लोकतांत्रिक विरोध के पारंपरिक स्थलों पर धरना-प्रदर्शन हो।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी परामर्श के इन प्रतिमाओं को मनमाने ढंग से दूसरी जगह स्थापित करना लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है।

भाषा हक हक नेत्रपाल

नेत्रपाल