एसजीपीसी का दावा: एनसीईआरटी की 12वीं की किताब में ऐतिहासिक विवरण को गलत तरीके से पेश किया गया

एसजीपीसी का दावा: एनसीईआरटी की 12वीं की किताब में ऐतिहासिक विवरण को गलत तरीके से पेश किया गया

एसजीपीसी का दावा: एनसीईआरटी की 12वीं की किताब में ऐतिहासिक विवरण को गलत तरीके से पेश किया गया
Modified Date: April 7, 2023 / 10:49 pm IST
Published Date: April 7, 2023 10:49 pm IST

अमृतसर, सात अप्रैल (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 12वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में सिखों से संबंधित ऐतिहासिक विवरणों को गलत तरीके से पेश किया है।

एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने एक बयान में कहा कि एनसीईआरटी ने ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस’ नामक पुस्तक के अध्याय-आठ (रीजनल एशपायरेशन्स) में ‘आनंदपुर साहिब’ प्रस्ताव के बारे में ‘भ्रामक जानकारी’ दर्ज की है और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

उन्होंने 1973 के प्रस्ताव की व्याख्या करते हुए कहा कि यह राज्य के अधिकारों और संघीय ढांचे को मजबूत करने से संबंधित है।

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धामी ने कहा, “सिखों को अलगाववादियों के रूप में चित्रित करना बिल्कुल भी उचित नहीं है, इसलिए एनसीईआरटी को इस तरह के अत्यधिक आपत्तिजनक उल्लेखों को हटा देना चाहिए।”

उन्होंने दावा किया, ‘‘बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कुछ पुरानी सूचनाओं को हटाकर और कुछ नयी जानकारियों को जोड़कर सांप्रदायिक पहलू लिया गया है।’’

एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि आनंदपुर साहिब प्रस्ताव एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है।

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत


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