तिरुवनंतपुरम, 17 दिसंबर (भाषा) यहां स्थित केरल विश्वविद्यालय सीनेट परिसर में मंगलवार को उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जब एक संगोष्ठी में शामिल होने के लिए आए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया।
सत्तारूढ़ माकपा और एसएफआई का पिछले कुछ समय से विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यपाल खान के साथ टकराव चल रहा है।
पुलिस की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था किये जाने के बावजूद, एसएफआई कार्यकर्ताओं ने परिसर के बंद द्वार को जबरन खोल दिया और सीनेट हॉल की ओर दौड़े, जहां खान संगोष्ठी में हिस्सा ले रहे थे।
हालांकि, पुलिस ने सेमिनार हॉल के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं और प्रदर्शनकारियों को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। इस दौरान एसएफआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा कर्मियों के साथ मामूली झड़प हुई।
एसएफआई कार्यकर्ताओं ने बाद में सीनेट हॉल के प्रवेश द्वार पर धरना दिया। उन्होंने परिसर में विरोध मार्च निकाला और मुख्य द्वार से बाहर निकल गए।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एसएफआई नेताओं ने बाद में राज्यपाल खान पर राज्य के विश्वविद्यालयों का ‘‘भगवाकरण’’ करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी राज्यपाल की आलोचना की और चेतावनी दी कि यह केवल एक सांकेतिक विरोध था।
इस बीच, संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद परिसर से बाहर आए राज्यपाल खान ने एसएफआई के विरोध के बारे में सवाल पूछने पर पत्रकारों पर भड़क गए।
खान से जब संवाददाताओं ने पूछा कि प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे यह सवाल शहर के पुलिस आयुक्त से पूछें।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें मेरी क्या भूमिका है? आप मुझसे यह सवाल क्यों पूछ रहे हैं? जाकर पुलिस आयुक्त से पूछिए। मुझे कैसे पता? मैं एक बैठक को संबोधित कर रहा हूं।’’
राज्यपाल ने मीडिया पर अकादमिक संगोष्ठियों या उसमें भाग लेने वाले लोगों की संख्या में कोई रुचि न रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी दिलचस्पी केवल विवादों में है।
भाषा धीरज दिलीप
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