यौन उत्पीड़न मामला : अदालत ने आईटी कंपनी कर्मी के खिलाफ आईसीसी के निष्कर्षों को बरकरार रखा

यौन उत्पीड़न मामला : अदालत ने आईटी कंपनी कर्मी के खिलाफ आईसीसी के निष्कर्षों को बरकरार रखा

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  • Publish Date - January 23, 2025 / 06:51 PM IST,
    Updated On - January 23, 2025 / 06:51 PM IST

चेन्नई, 23 जनवरी (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के एक कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में श्रम न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए कंपनी की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के निष्कर्षों को बरकरार रखा है।

श्रम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी को सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया, जिसके चलते उसके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न की शिकायतें खारिज की जाती हैं।

न्यायमूर्ति आरएन मंजुला ने चेन्नई के प्रधान श्रम न्यायालय के 11 दिसंबर 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की याचिका स्वीकार कर ली।

याचिकाकर्ता के मुताबिक, एन पारसारथी 2016 में सर्विस डिलीवरी मैनेजर के रूप में एचसीएल टेक्नोलॉजीज से जुड़ा था। उसने बताया कि कंपनी की कई महिला कर्मचारियों ने पारसारथी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की, जिसके बाद आईसीसी ने मामले की जांच की और उसे दोषी पाया।

याचिकाकर्ता के अनुसार, आईसीसी की सिफारिश पर पारसारथी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। उसने बताया कि पारसारथी ने फैसले को श्रम न्यायालय में चुनौती दी, जिसने आईसीसी के निष्कर्षों को उलट दिया और उसके खिलाफ मिली यौन उत्पीड़न की शिकायतों को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति मंजुला ने बुधवार को पारित आदेश में कहा कि आईसीसी ने जांच के दायरे एवं प्रकृति को सही ढंग से समझा था और जांच के उद्देश्य को पूरा करने वाला संतुलित रुख अपनाया था।

उन्होंने कहा, “समिति ने उक्त निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जो कारण गिनाए, वे भी स्वीकार्य थे। इसलिए, मुझे उसकी रिपोर्ट में हस्तक्षेप करने का कोई वैध कारण नहीं नजर आता।”

भाषा पारुल माधव

माधव