चेन्नई, 23 अप्रैल (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में तमिलनाडु के पूर्व विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजेश दास को सुनाई गई तीन साल की सजा निलंबित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एम दंडपाणि ने दास को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने से छूट देने से भी इनकार कर दिया।
वर्ष 2021 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की एक महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के मामले में विल्लुपुरम की स्थानीय अदालत ने दास को दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने या उनके साथ अभद्र व्यवहार करने से जुड़े मामलों में अदालतों को आरोपियों की सजा निलंबित करते समय बहुत सतर्कता से विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत दास की सजा को निलंबित करने की इच्छुक नहीं है।
अदालत ने कहा कि सजा निलंबित करने संबंधी याचिका खारिज की जाती है और याचिकाकर्ता की निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने से छूट देने संबंधी याचिका भी खारिज की जाती है।
भाषा नेत्रपाल सुभाष
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