चेन्नई: Sex Workers Should Not Be Arrested देश की सर्वोच्च अदालत ने बीते दिनों सेक्स वर्कर्स को लेकर बड़ा फैसला लिया था। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों और उसके ग्राहक के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है। सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का हवाला देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सेक्स रैकेट चलाने वाले शख्स को रिहा करते हुए मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया है। वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा है कि छापेमारी के दौरान सेक्स वर्करों को गिरफ्तार न करें, न उन पर किसी प्रकार का जुर्माना लगाएं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Sex Workers Should Not Be Arrested जस्टिस एन सतीश कुमार ने कहा कि मसाज पार्लर के नाम पर चल रही संबंधित जगह बेशक अवैध थी लेकिन इसे कोई और चलाता था। इसके लिए याचिकाकर्ता को फंसाया नहीं जा सकता। उस पर किसी सेक्स वर्कर से जबरन काम कराने के कोई आरोप नहीं लगा, न उसने किसी सेक्स वर्कर को जबरन यह काम करने के लिए नहीं कहा।
दूसरी ओर याचिकाकर्ता का कहना था कि अगर पुलिस के लगाए आरोपों के अनुसार अगर वह संबंधित जगह पर सेक्स वर्कर के पास गया था, तब भी सुप्रीम कोर्ट ने इस काम को स्वेच्छा से किए जाने पर अपराध नहीं बताया है। इसलिए उसे कोई सजा नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका स्वीकार कर ली और केस रद्द कर उसे रिहा करने का आदेश दिया।