HD Revanna Bail: सेक्स स्कैंडल के आरोपी एचडी रेवन्ना को बड़ी राहत, कोर्ट ने इस शर्त के साथ दी जमानत
सेक्स स्कैंडल के आरोपी एचडी रेवन्ना को बड़ी राहत, कोर्ट ने इस शर्त के साथ दी जमानतः Sex scandal accused HD Revanna gets bail
Complaint Against MP Sanatan Pandey
बेंगलुरु: HD Revanna Bail निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने अपहरण के एक मामले में जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के नेता एवं कर्नाटक के विधायक एच डी रेवन्ना की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर कर ली। पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना (66) को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक महिला के कथित अपहरण के मामले में चार मई को गिरफ्तार किया था। अपहरण का यह मामला उनके बेटे और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किए जाने के आरोपों से जुड़ा है। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने मामले की सुनवाई की और रेवन्ना को सशर्त जमानत दे दी।
HD Revanna Bail रेवन्ना की तीन दिवसीय पुलिस हिरासत की अवधि आठ मई को समाप्त हो जाने के बाद उन्हें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। यह मामला महिला के बेटे की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था, जिसने आरोप लगाया था कि एच डी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल ने उसकी मां का यौन शोषण किया था।
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पुलिस सूत्रों ने बताया था कि प्रज्वल के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए महिला का कथित तौर पर अपहरण किया गया था। एसआईटी ने एच डी रेवन्ना के विश्वासपात्र सतीश बबन्ना को भी हिरासत में लिया है। रेवन्ना ने अपनी जमानत याचिका की पैरवी के लिए वरिष्ठ वकील सी वी नागेश की सेवाएं ली, वहीं विशेष लोक अभियोजक जैना कोठारी और अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक नाइक ने एसआईटी की ओर से बहस की। नागेश ने दावा किया कि रेवन्ना की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश है और पीड़िता ने हाल में एक वीडियो में कहा है कि रेवन्ना या उसके परिवार ने उसका अपहरण नहीं किया है।
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एसआईटी के अधिवक्ताओं ने दिया यह तर्क
कोठारी और नाइक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एसआईटी ने सीआरपीसी (आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 161 (पुलिस द्वारा गवाहों से पूछताछ) और 164 (मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए बयान) दोनों के तहत बयान दर्ज किए तथा पीड़िता ने एच डी रेवन्ना के खिलाफ बयान दिया है। एसआईटी के अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि जमानत याचिका तब दायर की गई जब आरोपी पहले से ही हिरासत में है और इसलिए मामला सुनवाई योग्य नहीं है। न्यायाधीश ने इस तर्क से असहमति जताते हुए कहा, ‘‘… कृपया आप मामले के गुण-दोष के आधार पर बहस करें।’’ नागेश ने कहा कि पीड़िता के बेटे ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी मां घर नहीं आई और उसने यह भी बताया कि वह मोटरसाइकिल पर किसी परिचित व्यक्ति के साथ गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसे अपहरण कैसे समझा जा सकता है? यह अपहरण का मामला नहीं है।’’
कोर्ट ने पूछे कई सवाल
नाइक ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को आरोपियों ने धमकी दी है और पीड़िता को पुलिस सुरक्षा की जरूरत है। नागेश ने तर्क दिया कि एसआईटी द्वारा लगाई गई धाराएं अमान्य हैं और उन्होंने अपहरण के मामलों पर पिछले कुछ अदालती फैसलों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रज्वल के खिलाफ मामलों का एच डी रेवन्ना से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने अपने मुवक्किल को जमानत पर तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया। उन्होंने एसआईटी के वकीलों पर भी निशाना साधा और कहा, ‘‘जमानत याचिका पर आपत्तियां दो विशेष लोक अभियोजक क्यों पेश कर रहे हैं?’’ कोठारी ने स्पष्ट किया कि वे तर्क को दोहरा नहीं रहे और एक-दूसरे के तर्क के समर्थन में दलीलें दे रहे हैं। बाद में, कोठारी ने अदालत से नागेश के तर्क का विरोध करने और दलील पेश करने की अनुमति देने का अनुरोध किया लेकिन नागेश ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘अगर एसआईटी को एक और दौर बहस करने की अनुमति मिलती है तो मुझे भी इसका विरोध करने का मौका दिया जाना चाहिए।’’
कोठारी ने कहा कि नागेश की दलीलों में कुछ गलत सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता एच डी रेवन्ना की रिश्तेदार नहीं है जैसा कि सी वी नागेश ने कहा है और जांच अधिकारी के समक्ष 161 बयान पांच मई को दर्ज किए गए हैं, उसके बाद नहीं।’’ इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत के समक्ष दोनों हिरासत आवेदनों में 161 और 164 बयान प्रस्तुत किए गए हैं।’’ एसआईटी ने इससे संबंधित लिखित दस्तावेज पेश करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया लेकिन न्यायाधीश ने इस अनुरोध खारिज कर दिया और सोमवार शाम पांच बजे आदेश सुरक्षित रख लिया तथा एच डी रेवन्ना को जमानत दे दी।

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