कोलकाता, 21 अक्टूबर (भाषा) कॉलेज स्क्वायर दुर्गापूजा समिति सहित महानगर के कुछ बड़े पूजा आयोजकों ने कहा है कि वे पंडाल से कुछ दूर बड़ी स्क्रीन लगाने की योजना बना रहे हैं ताकि बुधवार को उच्च न्यायालय के संशोधित आदेशों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को देवी का दर्शन हो सके ।
बहरहाल, अन्य समितियां इसी मुताबिक अपनी व्यवस्था कर चुकी हैं और पंडाल के अंदर आयोजन समिति के 60 सदस्यों को जाने की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत किया। समितियों ने कहा कि वे पुष्पांजलि और संधि पूजा में अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए व्यवस्थाओं में बदलाव करेंगी।
कॉलेज स्क्वायर दुर्गापूजा समिति के पदाधिकारी बिकास मजूमदार ने कहा, ‘‘कोलकाता पुलिस के निर्देश के मुताबिक हमने पूरे कॉलेज स्क्वायर मैदान को बंद कर दिया है और मंगलवार को चतुर्थी के दिन से ही पानी में प्रकाश की व्यवस्था बंद कर दी है। अंदर में पूजा समिति के केवल 60 सदस्यों को अनुमति दी जाएगी और एक समय में 45 सदस्य जा सकेंगे। हम दुखी हैं लेकिन कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम घर में रहने वाले लोगों के लिए डिजिटल दर्शन की व्यवस्था कर चुके हैं, जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है या जो पूजा के दिनों में बाहर निकलकर दर्शन करना चाहते हैं उनके लिए हमने बड़ा स्क्रीन लगाया है।’’
कोलकाता नगर निगम के प्रशासकों के बोर्ड के सदस्य और लोकप्रिय त्रिधारा सम्मिलानी के पदाधिकारी देबाशीष कुमार ने कहा, ‘‘हम लोगों को अपने पंडाल के पास घूमने और देवी के दर्शन करने की अनुमति नहीं दे सकते। मुख्य प्रवेश द्वार के पास प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा रहेगा। रासबिहारी एवेन्यू के पास पंडाल के नजदीक हम बड़े स्क्रीन लगाएंगे।’’
सुरूचि संघ पूजा के पदाधिकारी स्वरूप बिस्वास ने कहा, ‘‘हमें उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना होगा। हमने श्रद्धालुओं की भावनाओं, कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों को ध्यान में रखने का रास्ता तलाशना होगा।’’
दुर्गोत्सव मंच के महासचिव शाश्वत बसु ने कहा, ‘‘हम निराश हैं। छोटी गलियों की पूजा समितियों में दर्शक नहीं होंगे क्योंकि दर्शकों के लिए पंडाल से दस मीटर या पांच मीटर की दूरी बनाए रखना मुमकिन नहीं होगा।’’
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को सामुदायिक दुर्गा पूजा पर अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए प्रवेश निषिद्ध वाले क्षेत्रों में ड्रम बजाने वालों को इजाजत प्रदान की। साथ ही बड़े पूजा स्थलों पर लोगों की संख्या 25 से बढ़ाकर 60 करने की अनुमति दी।
भाषा नीरज नीरज उमा
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