कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले की पीड़िता के परिवार का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि संबंधित निचली अदालत को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और वकील अब मामले की सुनवाई से अलग हो गई हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस स्तर पर ‘‘कुछ कारकों और परिस्थितियों’’ के कारण वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर इस मामले में मुकदमे की कार्यवाही से हटने के लिए विवश हैं और अब वह पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी।
उन्होंने बताया कि पीड़िता के माता-पिता ने अधिवक्ता ग्रोवर के चेंबर जिसमें अधिवक्ता सौतिक बनर्जी और अर्जुन गुप्तू शामिल हैं, से अनुरोध किया था कि वे उच्चतम न्यायालय, कलकत्ता उच्च न्यायालय और सियालदह सत्र न्यायालय तथा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत में कानूनी प्रतिवेदन पेश करें।
सूत्रों ने बताया कि ग्रोवर सितंबर 2024 से सभी अदालतों में पीड़ित परिवार को निःशुल्क कानूनी सेवाएं और प्रतिनिधित्व प्रदान कर रही हैं।
ड्यूटी पर तैनात स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई थी।
उच्च न्यायालय ने इस संबंध में कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी। इन जनहित याचिकाओं में पीड़िता के माता-पिता की भी एक याचिका शामिल थी, जिन्होंने अपनी बेटी की मौत की निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया था।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना