नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के दरिंदों को पिछले तीन बार फांसी से बचाने में एपी सिंह तो खूब चर्चा में रहे लेकिन निर्भया को न्याय दिलाने पिछले सात सालों से चारों दोषियों को फांसी दिलवाने जेल के अंदर और बाहर लड़ाई लड़ने वाली एडवोकेट सीमा कुशवाहा का प्रयास आज सार्थक हुआ।
पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के बाहर पीटते-पीटते बचे निर्भया दोषियों के वकील, एपी सिंह की डि…
दोषियों को बचाने में लगे एपी सिंह को जहां लोगों खरी खरी सुनने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर सीमा कुशवाहा को सोशल मीडिया दिल खोलकर सलाम कर रहा है। एडवोकेट सीमा कुश्वाहा ने ही दिल्ली गैंगरेप पीड़िता का केस लड़ा और चारों दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया।
पढ़ें- अति का अंत : निर्भया के दोषियों को फांसी का तख्त, देखिए किसने क्या …
सीमा कुश्वाहा उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई की है। हालांकि वह वकालत में आने से पहले सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थीं
पढ़ें- आखिरकार निर्भया को इंसाफ, देखें कब क्या हुआ ?
12 दिसंबर 2012 को जब दिल्ली गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था तब सीमा दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रेनिंग कर रही थीं।
इस घटना की अमानवीयता से वह इतना परेशान हुईं कि उन्होंने दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की ठानते हुए पीड़िता का केस लड़ने का तय किया। दिल्ली गैंगरेप केस सीमा कुश्वाहा की जिंदगी का पहला केस था। 7 साल से ज्यादा समय तक चले इस केस को सीमा कुश्वाहा ने नि:शुल्क लड़ा।