भुवनेश्वर, 29 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को पूर्वी सीमा पर उभरती हुई सुरक्षा संबंधी चुनौतियों, आव्रजन और शहरी पुलिस व्यवस्था के रुझानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
शाह ने यहां वार्षिक डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए 2024 के आम चुनावों के सुचारू संचालन और तीन नए आपराधिक कानूनों को निर्बाध रूप से लागू करने के लिए पुलिस नेतृत्व को बधाई दी।
देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद सहित उभरती हुयी, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक शाह ने कहा कि पूर्वी सीमा पर उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों, आव्रजन और शहरी पुलिस व्यवस्था के रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के पूर्वी पड़ोसी देश बांग्लादेश में अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाए जाने और अंतरिम प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद से वहां अशांति देखी गई है।
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं, यह मुद्दा नयी दिल्ली ने ढाका के समक्ष जोरदार ढंग से उठाया है।
शाह ने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति में सुधार लाने वाली महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया।
गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रकृति को दंड-उन्मुख से न्याय-उन्मुख में बदल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए कानूनों की भावना भारतीय परंपरा में निहित है।
शाह ने आतंकवाद के खिलाफ कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की रणनीति अपनाने की भी अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अपने पुलिस बल को एक ऐसे तंत्र के रूप में तैयार कर रहा है जो राष्ट्र को नए युग की चुनौतियों से सुरक्षित रखने के साथ-साथ अपराध और आतंकवाद के मूल कारणों का समाधान करने में सक्षम हो। डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन सहयोग के माध्यम से प्रत्येक राज्य में पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ज्ञान-साझाकरण मंच के रूप में कार्य करता है।’’
भाषा रविकांत रंजन
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